पुरुषों के मुकाबले सिगरेट-शराब का सेवन महिला के लिए है ज्‍यादा खतरनाक

यूं तो सिगरेट-शराब जैसे सब्‍सटेंस अब्‍यूज से हर किसी की सेहत को खतरा है

Update: 2022-02-18 09:40 GMT

यूं तो सिगरेट-शराब जैसे सब्‍सटेंस अब्‍यूज से हर किसी की सेहत को खतरा है. मानव शरीर पर इसका प्रभाव नकारात्‍मक ही होता है, लेकिन महिलाओं के लिए ये सब्‍सेंस अब्‍यूज खासतौर पर नुकसादायक हो सकते हैं. इसके पैमाने नैतिकता नहीं, बल्कि दोनों की विशुद्ध जैविक संरचना है.

यदि महिलाएं ज्‍यादा सिगरेट, शराब, ड्रग्‍स का सेवन करती हैं या सब्‍सटेंस अब्‍यूज का शिकार होती हैं तो उन्‍हें खास तरह की बीमारी होने की संभावना पुरुषों के मुकाबले कई गुन बढ़ जाती है. दुनिया भर के मेडिकल अध्‍ययनों में यह बात कई बार दोहराई जा चुकी है.
ब्रेस्‍ट कैंसर – शराब का सेवन करने पर महिलाओं में ब्रेस्‍ट कैंसर की संभावना बढ़ जाती है. ब्रेस्‍ट कैंसर भी एक प्रकार की ऑटो इम्‍यून बीमारी है. हालांकि हमारे शरीर को मनोविज्ञान के साथ जोड़कर देखने वाली विज्ञान की शाखा यह कहती है कि जो महिलाएं सब्‍सटेंस अब्‍यूज करती हैं, उसका मुख्‍य कारण सिर्फ एडवेंचर नहीं, बल्कि कोई छिपा हुआ गहरा दुख होता है. भावनात्‍मक पीड़ा का इम्‍यून सिस्‍टम पर बुरा असर पडड़ता है. लंबे समय तक अपनी परेशानियों और भावनात्‍मक पीड़ा को ठोस तरीके से व्‍यक्‍त करने के बजाय जब हम उससे निपटने के लिए सिगरेट-शराब का सहारा लेते हैं तो शरीर दोहरी मार झेलता है.
इम्‍यून सिस्‍टम इमोशनल रिप्रेशन के कारण ज्‍यादा मेहनत कर रहा होता है. साथ ही सब्‍सेंस अब्‍यूज उस पर और बोझ डाल देता है. शरीर को स्‍वस्‍थ बनाए रखने के लिए इम्‍यून सिस्‍टम को ज्‍यादा मेहनत करनी पड़ती है.
सरवाइकल कैंसर – सिगरेट-शराब का सेवन महिलाओं में सरवाइकल कैंसर की संभावना को भी बढ़ा देता है. इसकी वजह वही है, जो ब्रेस्‍ट कैंसर समेत सभी ऑटो इम्‍यून बीमारियों पर लागू होती है. सब्‍सटेंस अब्‍यूज इम्‍यून सिस्‍टम को कमजोर करता है और कमजोर इम्‍यून सिस्‍टम एक समय के बाद शरीर के खिलाफ ही काम करने लगता है, जिसका अंत बीमारियों में होता है.
वर्टिगो – वर्टिगो हमारे सेंट्रल नर्वस सिस्‍टम से जुड़ी बीमारी है, जिसकी सबसे ज्‍यादा शिकार महिलाएं होती हैं. सिगरेट और शराब का सेवन इस बीमारी की संभावना को भी कई गुना बढ़ा देता है.
हार्ट अटैक और स्‍ट्रोक – हालांकि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को हार्ट अटैक कम होता है, लेकिन हार्ट अटैक होने पर उनके सरवाइव करने के चांस पुरुषों के मुकाबले आधे भी नहीं होते. हार्ट अटैक के ज्‍यादातरर मामलों में महिलाओं की मृत्‍यु की आशंका ज्‍यादा होती है. महिलाओं का हॉर्मोनल सिस्‍टम उन्‍हें स्‍ट्रोक से बचाता है, लेकिन शराब और सिगरेट उस प्रोटेक्‍शन शील्‍ड को कमजोर करने का काम करता है. इसलिए सब्‍सटेंस अब्‍यूज की स्थिति में महिलाओं में स्‍ट्रोक और हार्ट अटैक की संभावना कई गुना बढ़ जाती है.
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