नाबार्ड के 62 प्रोजेक्ट में दिखा सरकार के फैसलों का असर
शिमला। राज्य सरकार की नई नीति से पीडब्ल्यूडी में टेंडर प्रक्रिया में तेजी आई है। प्रदेश सरकार ने व्यवस्था परिवर्तन के तहत उठाए जा रहे कदमों में पीडब्ल्यूडी के लिए बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के तहत एक महीने से भी कम समय में टेंडर प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है। नाबार्ड के तहत …
शिमला। राज्य सरकार की नई नीति से पीडब्ल्यूडी में टेंडर प्रक्रिया में तेजी आई है। प्रदेश सरकार ने व्यवस्था परिवर्तन के तहत उठाए जा रहे कदमों में पीडब्ल्यूडी के लिए बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के तहत एक महीने से भी कम समय में टेंडर प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है। नाबार्ड के तहत अब तक मंजूर हुए 62 प्रोजेक्ट की टेंडर प्रक्रिया भी इस फैसले के बाद तेजी से पूरी हुई है। विभाग प्रदेश में अब 495 करोड़ रुपए से ज्यादा के प्रोजेक्ट शुरू कर चुका है। गौरतलब है कि नाबार्ड से चार किस्तों में यह प्रोजेक्ट मंजूर हुए हैं। पीडब्ल्यूडी को पहली मंजूरी अगस्त महीने में मिली थी और 16 प्रोजेक्ट उस समय मंजूर हुए थे। इन प्रोजेक्ट का निर्माण 142 करोड़ 38 लाख रुपए से होना है। सितंबर में 130 करोड़ 26 लाख रुपए के 15 प्रोजेक्ट, जबकि दिसंबर में दो चरणों में पहले 13 दिसंबर को 99 करोड़ के 16 और दूसरे चरण में 18 दिसंबर को 123 करोड़ के 15 प्रोजेक्ट मंजूर हुए थे।
पीडब्ल्यूडी ने इन प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए तीन साल की समय सीमा तय की है। प्रोजेक्ट शुरू करने से पहले लगने वाले समय को एक महीने में समेट दिया है, जबकि पहले इस प्रक्रिया में 51 दिन का समय लगता था। इस अवधि के दौरान प्रशासनिक, एक्सपर्ट और वित्त प्रबंधन कमेटी की राय भी ली गई है। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद इन सडक़ों का काम तय समय पर शुरू हो गया है और ज्यादातर प्रोजेक्ट अब जनवरी, 2027 तक पूरे हो जाएंगे। साथ ही इन सडक़ों के निर्माण के बाद ग्रामीण इलाकों को भी बड़ी राहत मिलने वाली है। इससे पूर्व मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधायक प्राथमिकता बैठक में शिमला और मंडी के विधायकों के साथ चर्चा के दौरान इन फैसलों का जिक्र किया था। उस समय मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्माण कार्यों में तेजी लाने के लिए लोक निर्माण विभाग की टेंडर प्रक्रिया में आवश्यक बदलाव किए गए हैं। अब टेंडर की अवधि 51 दिन से घटाकर 20 दिन की गई है। अधूरे भवनों का कार्य पूर्ण करने के लिए बजट का समुचित प्रावधान किया जाएगा।