स्वास्थ्य संस्थानों में काले बिल्ले लगाकर पहुंचे चिकित्सक

शिमला। मुख्यमंत्री के भरोसे के बावजूद डाक्टरों ने विरोध प्रदर्शन वापस नहीं लिया है। शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन डाक्टर काले बिल्ले लगाकर ड्यूटी पर पहुंचे। प्रदेश की सभी स्वास्थ्य संस्थानों में कार्यरत चिकित्सकों ने एकजुट होकर भाग लिया। हिमाचल में अनुबंध पर नियुक्त चिकित्सकों को पूरे भारत वर्ष में सबसे कम वेतन 33660 दिया जा …

Update: 2024-01-21 05:20 GMT

शिमला। मुख्यमंत्री के भरोसे के बावजूद डाक्टरों ने विरोध प्रदर्शन वापस नहीं लिया है। शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन डाक्टर काले बिल्ले लगाकर ड्यूटी पर पहुंचे। प्रदेश की सभी स्वास्थ्य संस्थानों में कार्यरत चिकित्सकों ने एकजुट होकर भाग लिया। हिमाचल में अनुबंध पर नियुक्त चिकित्सकों को पूरे भारत वर्ष में सबसे कम वेतन 33660 दिया जा रहा है। चिकित्सकों ने कहा कि मु यमंत्री ने संघ को आश्वासन दिया था कि चिकित्सकों की अग्रिम भर्ती में उनकी वेतन के साथ एनपीए को जोड़ा जाएगा। लेकिन धरातल पर इसका पालन नहीं हो पाया। चिकित्सा अधिकारी संघ ने मांग पूरी होने तक विरोध को जारी रखने का फैसला किया। इससे पूर्व गुरुवार देर शाम चिकित्सा अधिकारी संघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री से भी मुलाकात की है। मुख्यमंत्री ने चिकित्सकों की मांगों को लेकर अगले महीने बैठक आयोजित करने की बात कही है, लेकिन इसके बावजूद चिकित्सकों ने अपने विरोध प्रदर्शन को वापस नहीं लिया।

चिकित्सा अधिकारी महासंघ के महासचिव डाक्टर विकास ठाकुर ने बताया कि अन्य विभागों की तुलना में चिकित्सकों की प्रमोशन के बहुत ही कम पद स्वीकृत हैं। इस संदर्भ में उन्हें केंद्र सरकार की तर्ज पर डायनेमिक करियर प्रोग्रेशन स्कीम दी जाए। स्वास्थ्य विभाग में कई वर्षों से खंड चिकित्सा अधिकारियों मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, सीनियर मेडिकल सुपरिटेंडेंट, डिप्टी डायरेक्टर और डायरेक्टर ऑफ हैल्थ सर्विसेज के पद वरिष्ठता और योग्यता के आधार पर नहीं भरे गए है। विभाग कई वर्षों से चिकित्सकों की वरिष्ठता सूची बनाने में असमर्थ रहा है, जिसके चलते समय अनुसार प्रमोशंस नहीं हो रही है। रेगुलर प्रमोशन न होने के कारण सेवानिवृत्ति मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को सेवा विस्तार दिया जा रहा है कई सामुदायिक स्वास्थ्य केद्रों में केवल दो ही चिकित्सकों के स्वीकृत है जहां इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टेंडर्ड की तहत दस चिकित्सकों के पदों के साथ-साथ स्वास्थ्य के अन्य कर्मचारियों के पदों को भी स्वीकृति होनी चाहिए। ऐसा करने से न केवल प्रदेश की जनता को और बेहतरीन सेवाएं बल्कि युवाओं को भी रोजगार प्राप्त होगा।

Similar News

-->