डॉक्टरी पढ़ने के बाद फिल्मों में आए विनीत कुमार सिंह को पता है बॉलीवुड की सच्चाई

साहब वाला किरदार हो या बॉक्सर वाला, सब अलग-अलग रंग के हैं और मैं ऐसे ही काम करना चाहता हूं’.

Update: 2022-08-24 03:52 GMT

विनीत कुमार सिंह (Vineet Kumar Singh) एक एक्टर और राइटर हैं लेकिन उससे पहले डॉक्टर हैं. नागपुर गवर्मेंट मेडिकल कॉलेज से आयुर्वेद में एएमडी करने वाले विनीत ने 21 साल की उम्र में फिल्मी दुनिया में कदम रख दिया. विनीत ने साल 2002 में फिल्म 'पिता' से डेब्यू किया, कई सीरीज में काम करने के बाद विनीत के काम को पहचान मिली 'बॉम्बे टॉकीज' (Bombay Talkies) और 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' (Gangs Of Wasseypur) जैसी फिल्में करने के बाद. 'दास देव' में उनके काम को काफी सराहा गया.


24 अगस्त को वाराणसी के एक राजपूत परिवार में पैदा हुए विनीत कुमार सिंह एक शानदार बास्केटबॉल प्लेयर भी हैं, नेशनल लेवल तक मैच खेल चुके हैं. इनके पिता के गणितज्ञ हैं. विनीत शुरू से नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में जाना चाहते थे लेकिन घरवालों से इसकी इजाजत नहीं मिली. सीपीएमटी की परीक्षा पास कर आयुर्वेद की डिग्री ली फिर एमडी भी कर ली और एक लाइसेंस मेडिकल प्रैक्टिशनर भी हैं.

टैलेंट हंट ने दिलाया 'पिता' में काम
विनीत ने पढ़ाई लिखाई भले ही मेडिकल की लेकिन एक्टिंग का कीड़ा कुलबुला रहा था तो सुपरस्टार टैलेंट हंट में हिस्सा लेने मुंबई आ गए और विजयी बने. एक्टर डायरेक्टर महेश मांजरेकर इस टैलेंट हंट में जज थे तो उन्होंने विनीत को संजय दत्त स्टारर फिल्म 'पिता' में रोल ऑफर दिया. ये फिल्म चली नहीं तो विनीत को भी खास फायदा नहीं हुआ. इसके बाद विनीत ने महेश मांजरेकर के साथ 'विरुद्ध' और 'देह' फिल्मों में एसोसिएट डायरेक्टर के तौर पर काम किया. लेकिन कुछ समय बाद ही डायरेक्शन छोड़ पूरी तरह एक्टिंग पर फोकस कर लिया. उन्होंने भोजपुरी सीरियल में काम भी किया. फिल्म 'सिटी ऑफ गोल्ड' में काम किया लेकिन अनुराग कश्यप के साथ 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' के बाद तो विनीत को काम की कोई कमी नहीं रही.

विनीत को अलग-अलग किरदार निभाना पसंद हैं
विनीत ने एक इंटरव्यू में बताया था कि 'मैं स्क्रीन पर अलग-अलग किरदार प्ले करना चाहता हूं. मेरी फिल्में, सीरीज देखिए मैं किसी इमेज में बंधता भी नहीं. साहब वाला किरदार हो या बॉक्सर वाला, सब अलग-अलग रंग के हैं और मैं ऐसे ही काम करना चाहता हूं'.


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