कभी किसी मुस्लिम लड़के से शादी नहीं करेंगी उर्फी जावेद, जाने क्यों बोली नहीं बनाऊंगी अपना शौहर
आप अपनी पत्नी और बच्चों पर धर्म को थोप नहीं सकते हैं. ये तो दिल से आना चाहिए. अगर ऐसा नहीं है तो न आप खुश रहेंगे और ना ही अल्लाह'.
उर्फी जावेद (Urfi Javed) अपने यूनीक फैशन सेंस को लेकर हमेशा चर्चा में रहती हैं. इसके अलावा वह अपनी बेबाकी के लिए जानी जाती हैं. वह भले ही मुस्लिम समुदाय से हैं, लेकिन उन्होंने अभी से तय कर लिया है कि वह कभी किसी मुस्लिम लड़के से शादी नहीं करेंगी. हालांकि उन्होंने इसके पीछे की वजह का भी खुलासा किया है.
ज्यादातर मुस्लिम लोग करते हैं गंदे कमेंट्स
हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान उर्फी जावेद (Urfi Javed) ने बताया कि जब भी वह बोल्ड लुक में नजर आती हैं तो उनका समाज उन्हें अस्वीकार कर देता है क्योंकि इंडस्ट्री में उनका कोई गॉडफादर नहीं है और सबसे बड़ी बात यह है कि वह मुस्लिम हैं. इंडिया टुडे डॉट इन के साथ बातचीत में उर्फी (Urfi Javed) ने कहा, 'मैं मुस्लिम लड़की हूं. जब भी लोग सोशल मीडिया पर मुझ पर गंदे कमेंट्स करते हैं तो उसमें ज्यादातर मुस्लिम लोग होते हैं. उन लोगों को लगता है कि मैं इस्लाम की छवि खराब कर रही हूं. वे मुझसे नफरत करते हैं क्योंकि मुस्लिम पुरुष चाहते हैं कि उनकी महिलाओं को एक निश्चित तरीके से व्यवहार करना चाहिए'.
कभी नहीं करूंगी मुस्लिम लड़के से शादी
उर्फी (Urfi Javed) ने आगे कहा, 'वे समुदाय की सभी महिलाओं को कंट्रोल करना चाहते हैं और यही वजह है कि मैं इस्लाम को नहीं मानती हूं. मुझे ट्रोल करने की सबसे बड़ी वजह यही है कि मैं उस तरह का व्यवहार नहीं करती, जैसा वे लोग धर्म के हिसाब से मुझसे उम्मीद करते हैं'. जब उर्फी से पूछा गया कि क्या वह कभी अपने समुदाय से बाहर के किसी व्यक्ति से शादी करेंगी? तो इस उन्होंने कहा, 'मैं कभी मुस्लिम लड़के से शादी नहीं करूंगी. मैं इस्लाम में विश्वास नहीं करती हूं. मैं किसी भी धर्म को फॉलो नहीं करती हूं, इसलिए मुझे परवाह नहीं है कि मैं किससे प्यार करती हूं. हम जिससे चाहें उससे शादी कर लें'.
धर्म को मानने के लिए नहीं करना चाहिए मजबूर
उर्फी जावेद (Urfi Javed) का कहना है कि धर्म को मानने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए. सभी को अपने हिसाब से धर्म चुनने और उसे फॉलो करने का अधिकार है. उन्होंने कहा, मेरी मां बहुत धार्मिक महिला हैं, लेकिन उन्होंने कभी भी हम पर धर्म को नहीं थोपा. मेरे भाई-बहन इस्लाम को फॉलो करते हैं, लेकिन मैं नहीं करती. उन्होंने धर्म को मानने के लिए कभी मुझे फोर्स नहीं किया और ऐसा ही होना चाहिए. आप अपनी पत्नी और बच्चों पर धर्म को थोप नहीं सकते हैं. ये तो दिल से आना चाहिए. अगर ऐसा नहीं है तो न आप खुश रहेंगे और ना ही अल्लाह'.