ब्योमकेश बक्शी बन छाए रजित
महात्मा गांधी के रोल ने छोड़ी अमिट छाप, फैमिली भी नहीं तोड़ पाई हौसला
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | एक्टर-डायरेक्टर रजित कपूर आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। फिल्म इंडस्ट्री में उनका नाम बड़े ही सम्मान के साथ लिया जाता है। उन्होंने अपने करियर में एक से बढ़कर एक कई बेहतरीन फिल्में और टीवी सीरियल में काम किया। उनके द्वारा निभाए गए रोल दर्शकों का खूब भाते हैं। उन्हें कठिन किरदार निभाना काफी पसंद है। कभी उन्होंने गांधी बन वाहवाही लूटी तो कभी ब्योमकेश बख्शी बन दर्शकों का दिल जीता। आज रजित कुमार का बर्थडे है, वह अपना 63वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस मौके पर जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें। तो चलिए शुरू करते हैं...
22 मई 1960 को पंजाब के अमृतसर में जन्मे रजित को बचपन से ही एक्टिंग का शौक था। जब उन्होंने पहली बार किसी टीवी प्रोजेक्ट में काम किया था तब वे छठी क्लास में पढ़ते थे। जॉन कोनोन स्कूल में पढ़ाई करने के दौरान ही उन्होंने एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा था। लेकिन उनका एक्टर बनने का सफर आसान नहीं था। इसके लिए उन्होंने खूब मेहनत की। रजित का जन्म एक बिजनेस फैमिली में हुआ था, उनकी फिल्म इंडस्ट्री में कोई बैकग्राउंड नहीं था। जब थियेटर की बारीकियां सीखने के लिए रजित ने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में एडमिशन लेना चाहा और इसके लिए उन्होंने फॉर्म भी खरीद लिया था। लेकिन उनके घरवाले इसके लिए नहीं माने और उन्होंने विरोध किया। जिससे गुस्साए रजित ने फॉर्म फाड़कर फेंक दिया था।
अपने करियर में कई टीवी शो और फिल्में करने वाले रजित को असली पहचान 'ब्योमकेश बक्शी' और फिल्म 'द मेकिंग ऑफ महात्मा' से मिली। 'ब्योमकेश बक्शी' टीवी इंडस्ट्री के चर्चित सीरियल्स में से एक है। यह सीरियल मशहूर बंगाली लेखक शरदिंदु बंद्योपाध्याय के काल्पनिक कहानियों पर आधारित था। 'ब्योमकेश बक्शी' सीरियल ने लंबे समय तक दर्शकों के दिलों पर राज किया।