कद्दावर पंजाबी गायक सुरिंदर शिंदा का 26 जुलाई को 64 वर्ष की उम्र में मृत्यु हो गया. कद्दावर गायक कुछ समय से ठीक नहीं चल रहे थे. उन्हें लुधियाना के डीएमसी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था.
दिग्गज पंजाबी गायक सुरिंदर शिंदा का 26 जुलाई को 64 वर्ष की उम्र में मृत्यु हो गया. कद्दावर गायक कुछ समय से ठीक नहीं चल रहे थे. उन्हें लुधियाना के डीएमसी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. सुरिंदर के बेटे मनिंदर शिंदा ने पहले साझा किया था कि उनके पिता को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था क्योंकि उन्हें अपने स्वास्थ्य के लिए उपचार की जरूरत थी.
लोकप्रिय पंजाबी गायक सुरिंदर शिंदा का 64 वर्ष की उम्र में निधन
लुधियाना के डीएमसी हॉस्पिटल में उपचार करा रहे पंजाबी गायक सुरिंदर शिंदा का 26 जुलाई को 64 वर्ष की उम्र में मृत्यु हो गया. हॉस्पिटल के एक अधिकारी ने बुधवार सुबह इस समाचार की पुष्टि की. लुधियाना के छोटी अयाली गांव के रहने वाले गायक के परिवार में उनका बेटा मनिंदर शिंदा है.
उनके बेटे द्वारा दिए गए एक बयान के अनुसार, सुरिंदर को 11 जुलाई को अचानक स्वास्थ्य समस्याओं के कारण हॉस्पिटल ले जाया गया था. हॉस्पिटल में भर्ती होने से कुछ दिन पहले, गायक ने पेट में दर्द की कम्पलेन की और सर्जरी करानी पड़ी. बाद में, उन्हें संक्रमण हो गया और उन्हें डीएमसी हॉस्पिटल में स्थानांतरित कर दिया गया.
पंजाब के सीएम भगवंत मान ने दी श्रद्धांजलि
उनके मृत्यु पर श्रद्धांजलि देने के लिए पंजाब के सीएम भगवंत मान ने ट्विटर पर एक पोस्ट शेयर किया। उन्होंने पंजाबी में कैप्शन लिखा। उन्होंने कहा, “प्रख्यात गायक सुरिंदर शिंदाजी के मृत्यु की समाचार सुनकर बहुत दुख हुआ. पंजाब की बुलंद आवाज हमेशा के लिए शान्त हो गई है. हालांकि शिंदा जी अब शारीरिक रूप से उपस्थित नहीं हैं, लेकिन उनकी आवाज हमेशा गूंजती रहेगी. ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में जगह दें और परिवार को इसे स्वीकार करने की शक्ति दें.”
सुरिंदर शिंदा के मृत्यु पर प्रतिक्रियाएँ
इस बीच, पंजाब के पूर्व सीएम सुखबीर बादल ने भी मृतक के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की. गायक अशोक मस्ती, अदाकार परमीत सेठी और मशहूर संगीत कंपनी सारेगामा ने भी महान आइकन को याद किया.
स्वर्गीय सुरिंदर शिंदा का काम
सुरिंदर शिंदा ने कई लोकप्रिय पंजाबी गाने लिखे हैं, जिनमें ‘जट्ट जियोना मोर’, ‘पुत्त जट्टां दे’, ‘ट्रक बिलिया’, ‘बलबीरो भाभी’, ‘कहेर सिंह दी माउट’ और भी बहुत कुछ शामिल हैं. उन्हें पंजाबी संगीत उद्योग में सर्वश्रेष्ठ गायकों में से एक माना जाता था और उन्हें लोक किंवदंती माना जाता था.