अमिताभ बच्चन की जागरुकता से ऱाष्ट्रीय चिन्ह को मिला था सम्मान
बॉलीवुड के सबसे सीनियर अभिनेताओं में शुमार अमिताभ बच्चन ने एक समय में देश के राष्ट्रीय चिन्ह को लेकर आवाज़ उठाई थी
बॉलीवुड के सबसे सीनियर अभिनेताओं में शुमार अमिताभ बच्चन ने एक समय में देश के राष्ट्रीय चिन्ह को लेकर आवाज़ उठाई थी, साथ ही उससे जुड़ा एक महत्वपूर्ण कानून भी बनवाया था। उल्लेखनीय है कि अमिताभ बच्चन ने 1984 में देश की राजनीति में कदम रखा और प्रयागराज से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए हेमवती नंदन बहुगुणा जैसे दिग्गज नेता को हराया था। संसद में पहुंच कर अमिताभ लंबे समय तक वहां नहीं रहे लेकिन उन्होंने जागरूक नेता के तौर पर अपनी उपस्थिति अवश्य दर्ज कराई थी।
हमेशा खमोशी से अपना काम करने वाले बिग बी ने अपने इस महत्वपूर्ण व सराहनीय काम के बारे में कभी शोर नही मचाया। चलिए जानते हैं कि पूरा मामला क्या है? दरअसल हुआ यह कि एक बार सभी सांसदों और अन्य मेहमानों के लिए राष्ट्रपति भवन में डिनर का आयोजन किया गया। इसी बीच सांसद के रूप में अमिताभ बच्चन भी इस डिनर पर पहुंचे। राष्ट्रपति भवन में एक छोटे से समारोह के बाद भोजन शुरू हुआ तो अमिताभ डिनर करने में थोड़े हिचकिचाए. उन्होंने देखा कि जिन प्लेटों में लोग भोजन कर रहे हैं उन पर डिजाइन के रूप में राष्ट्रीय चिह्न बना हुआ है। यह बात बिग बी को अच्छी नहीं लगी।
कार्यक्रम सम्पन्न होने के बाद उन्होंने संसद में अपनी बात रखने का समय मांगा व इस मुद्दे को लेकर आपत्ति जताई। इसी बीच उन्होंने कहा कि यह ठीक नही है कि राष्ट्रीय चिह्न ऐसे खाने-पीने के लिए उपयोग में लाई जाने वाली वस्तुओं पर बनाए जाएं, यह राष्ट्रीय चिह्न का अपमान है। इस पर सभी ने उनकी तरीफ की और कहा कि इस संबध में कानून बनना चाहिए। जिसके बाद राष्ट्रीय चिन्ह के उपयोग को लेकर नया कानून बनाया गया और आम जगहों पर इसके इस्तेमाल को गैरकानूनी घोषित किया गया। इस तरह बिग बी की जागरुकता के चलते राष्ट्रीय चिन्ह को सम्मान मिला।