जानें कैसी है फिल्म गुरुदक्षिणा
कोरोना संकट में एक लंबे समय से लोगों का जीवन अस्त व्यस्त सा हो गया है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| कोरोना संकट में एक लंबे समय से लोगों का जीवन अस्त व्यस्त सा हो गया है. लोग अभी भी बिनी किसी जरूरी काम के घर से बाहर निकलने से डरते हैं. ऐसे में लोग धीरे धीरे अच्छे मनोरंजन से भरी फिल्मों से भी दूर से हो रहे हैं. इसी बीच एक शानदार फिल्म पेश हुई है, जो लोगों के लिए किसी तोहफे से कम नहीं है.
जी हां कोरोना संकट के कारण बीता हुआ समय शिक्षकों के लिए चुनौतियों से भरा रहा है. महामारी के इस दौर में उन्हें इंटरनेट की दुनिया को और बेहतर ढंग से समझना पड़ा. जो उनके लिए आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने वक्त और जरूरत के साथ खुद को बदल लिया. इससे अब वह छात्रों को नई राह दिखा रहे हैं.
इस भाषा को नई पीढ़ी समझती और बोलती भी है. शिक्षकों को इसके लिए बहुत मेहनत करनी पड़ी. उनकी इसी कड़ी मेहनत को देखते हुए क्लासप्लस ने शॉर्ट मूवी Guru Dakshina का निर्माण किया है.
कैसी ये खास फिल्म
4.20 मिनट की यह फिल्म शिक्षक और छात्र के बीच सच्चे और निस्वार्थ बंधन को दिखाती है. अपने शिक्षकों के मूल्यों और उनकी सिखाई बातों से जुड़े रहते हुए छात्र अपने शिक्षक के चेहरे पर उपलब्धि, प्रेम और खुशी की सबसे बड़ी मुस्कान लाते हैं क्योंकि वे गुरुदक्षिणा के रूप में अपने शिक्षक के साथ 'गुरुकुल संस्थान' का ऐप साझा करते हैं. यूट्यूब पर इस फिल्म को अब तक 1.50 करोड़ से ज्यादा बार देखा जा चुका है.
इसमें एक शिक्षक छात्रों को आगे बढ़ने का हौसला देते हैं. इसके बदले में उनके शिष्य उन्हें गुरुदक्षिणा देते हैं.इस मिशन के तहत क्लासप्लस ने छात्रों को भी यह एहसास कराया कि एक शिक्षक उनके जीवन में क्या भूमिका निभाता है. सीखने की नींव रखने से लेकर उसके प्रति प्रेम विकसित करने तक.
शिक्षक हमेशा अपने छात्रों के लिए मुश्किलों को आसान बनाने के अतिरिक्त प्रयास करते हैं. अब उन छात्रों की बारी है जहां वह क्लासप्लस के साथ मिलकर शिक्षकों के सामने खड़ी चुनौती का सामना करने के लिए मदद कर सकें. क्लासप्लस की मदद से काफी हद तक छात्र इसमें सफल भी हो रहे हैं।
अंत में जैसे फिल्म की एक लाइन है, जो सबसे ज्यादा प्रभाव डालती है, वह है, 'हो जिंदगी की इक्वेशन मुश्किल ही सही, सॉल्यूशन तक हम पहुंच कर दिखाएंगे'. इस।लाइन से छात्र आकर्षित होते हैं.