Birthday Special: देव आनंद को काले कोट में देख पागल हो जाती थी लड़कियां, जिसके कारण कोर्ट को लगानी पड़ी थी पाबंदी!

देव आनंद बॉलीवुड के सदाबहार एक्टर्स में से एक हैं। वह अपने समय के सबसे बड़े सुपर स्टार रहे हैं। आलम ये था कि उनके लुक्स और उनका अलग अंदाज उनके फैंस को बेहद पसंद था।

Update: 2021-09-26 04:49 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देव आनंद बॉलीवुड के सदाबहार एक्टर्स में से एक हैं। वह अपने समय के सबसे बड़े सुपर स्टार रहे हैं। आलम ये था कि उनके लुक्स और उनका अलग अंदाज उनके फैंस को बेहद पसंद था। खासतौर पर लड़कियों में तो उनकी दीवानगी कुछ अलग ही थी। उनकी एक झलक पाने के लिए लड़कियां बेताब रहती थीं। खासकर जब देव आनंद सफेद शर्ट पर काले कोट में बाहर निकलते थे, तो उन्हें देखने के लिए लोगों की कतार लग जाती थी। देव आनंद का काला कोट काफी मशहूर हो गया था। उनके काले कोट की दीवानगी इस कदर लोगों में बढ़ चुकी थी कि कोर्ट ने देव आनंद के काला कोट पहनने पर रोक लगा दी। जानिए देव आनंद के काले कोट में ऐसा क्या खास था, जिस वजह से कोर्ट को उनके काले कोट पहनने पर बैन लगाना पड़ा? चलिए जानते हैं देव आनंद के जन्मदिन ( 26 सितंबर 1923) पर ये रेचक किस्सा।

देव आनंद को बॉलीवुड का फैशन आइकन भी माना जाता था। अपने जमाने में वह अपने फैशन की वजह से अक्सर सुर्खियों में रहते थे।साल 1958 में उनकी फिल्म 'काला पानी' आई थी। मूवी में उनका लुक था खूब पसंद किया गया था। उन्होंने फिल्म में सफेद शर्ट और काले कोट पहना था। जिसके बाद से देव आनंद के सफेद शर्ट और काले कोर्ट की दीवानगी इस हद तक बढ़ गई थी कि लोग उन्हें कॉपी करने लगे थे। लड़किया उनके इस लुक पर फिदा रहती थीं।

काला कोट बन गया मुसीबत

देव आंनद का ये लुक धीरे धीरे मुसीबत बन गया था। लड़कियां उनके प्यार में इतनी पागल हो गई थीं कि उनके लिए छत से धलांग तक लगाने को तैयार हो जाती थीं। मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट को दखल देना पड़ा। कोर्ट ने देव आनंद को पब्लिक में काले कोर्ट को ना पहनने की सलाह दी और इस पर बैन लगा दिया। 

बॉलीवुड में ये पहला मौका था जब कोर्ट के किसी सितारे के पहनावे पर दखलअंदाजी की हो। लेकिन देव आनंद की दीवानगी का आलम ही कुछ ऐसा था कि लोगों की सुरक्षा को देखते हुए कोर्ट को ऐसा करना पड़ा। 

देव आनंद की मुख्य अभिनेता के रूप में आखिरी फिल्म 'चार्जशीट' थी। इस दौरान उनकी उम्र 88 साल हो चुकी थी। 4 दिसंबर, 2011 को लंदन में हिन्दी सिनेमा ने अपना सबसे कीमती सितारा खो दिया।

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