देश के दूसरे राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने शिक्षकों को अपना जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में दिया है। प्रत्येक शिक्षक के लिए ऐसा उपहार है जिसका कोई मोल नहीं हो सकता। शिक्षक वर्ग किसी भी देश की दिशा और दशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 5 सितंबर 1962 से शुरू हुई यह यात्रा वर्षों से अनवरत जारी है। देश और प्रदेश के चुनिंदा शिक्षकों को इस दिन सम्मानित किया जाता है। स्कूल से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक शिक्षक सम्मान समारोहों का आयोजन होता है। वर्तमान में देश में लगभग 95 लाख से अधिक शिक्षक विभिन्न स्तरों पर कार्यरत हैं। शिक्षकों का कत्र्तव्य है कि वे बच्चों को कल की चुनौती के लिए तैयार करें। केवल रटे वाली पढ़ाई ठीक नहीं है।
-श्याम लाल हांडा, कुल्लू
By: divyahimachal