लाऊडस्पीकर की आवाज कम से कम हो
हमारे देश में विभिन्न धर्मों के लोग रहते हैं
हमारे देश में विभिन्न धर्मों के लोग रहते हैं। सभी लोग अपने अपने धर्म को अपनी परंपराओं के अनुसार मनाते हैं। इसलिए धार्मिक स्थलों व धार्मिक आयोजनों में लाऊडस्पीकरों का इस्तेमाल किया जाता है। कई बार देखा गया है कि लाऊडस्पीकर की आवाज बहुत अधिक होती है। कई बार तो रात भर लाऊडस्पीकर ऊंची आवाज़ में बजाए जाते हैं।
शादियों व अन्य कार्यक्रमों में भी यही हाल होता है, जिससे आसपास के लोगों को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। सबसे ज्यादा मुश्किल पढ़ाई करने वाले छात्रों, बुजुर्गोंं और बीमार लोगों को होती है। सर्वोच्च न्यायालय ने लाऊडस्पीकर की आवाज़ को सीमित रखने के लिए कहा है और रात के 10 बजे के बाद लाऊडस्पीकर न बजाने की हिदायत दी है। यह आवाज कम से कम होनी चाहिए।
-नरेंद्र कुमार शर्मा, भुजड़ू, मंडी