हमारे देश में फीजियोथैरेपी का बहुत महत्त्व है। इसका प्रयोग बढ़ रहा है। वैसे शरीर की हड्डियों को दुरुस्त रखने और अन्य कुछेक बीमारियों से बचने के लिए फीजियोथैरेपी चिकित्सा पद्धति हमारे देश के लिए कोई नई पद्धति नहीं है। इसका प्रचलन हमारे देश में प्राचीन समय से है। यह लगभग 200 साल पुरानी है। इसे सबसे पहले 1813 में स्वीडन में जिम्नास्टिक से जुड़े विशेषज्ञों ने शुरू किया था और फिर इसे1887 में उपचार की आधिकारिक पद्धति के रूप में मान्यता मिली थी। जब अमेरिका में 1916 में पोलियो फैला था तब वहां इसका प्रचलन बढ़ा था। हमारे देश में मालिश और कसरत से शरीर को तंदुरुस्त रखने की परंपरा हमारे गांवों और शहरों में अभी भी चल रही है। पूरे विश्व में इस पद्धति का महत्त्व दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है।
-राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा
By: divyahimachal