ठहरी हुई योजना

प्रधानमंत्री द्वारा घोषित ‘आदर्श ग्राम योजना’ में प्रत्येक सांसद को 2014 से 2019 के बीच तीन गांव तथा 2919 से 2024 के बीच पांच गांव गोद लेने के निर्धारित लक्ष्य पर माननीयों ने कोई विशेष रुचि नहीं दिखाई।

Update: 2022-03-14 05:46 GMT

Written by जनसत्ता: प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 'आदर्श ग्राम योजना' में प्रत्येक सांसद को 2014 से 2019 के बीच तीन गांव तथा 2919 से 2024 के बीच पांच गांव गोद लेने के निर्धारित लक्ष्य पर माननीयों ने कोई विशेष रुचि नहीं दिखाई। परिणामस्वरूप दो वर्षों के दौरान गांववासियों को विकास से वंचित रहना पड़ा। गौरतलब है कि 2019 के बाद आधा समय कोरोना से निपटने में गुजर गए, किंतु शेष रहे आधे समय में भी ग्रामों को उन्नत किया जा सकता है। इसलिए पीएम की मंशा के अनुरूप सांसदों को उक्त ग्राम योजना के तहत गांवों को अविलंब गोद लेकर योजना के अनुसार कार्यारंभ कर देना चाहिए।

बीएल शर्मा 'अकिंचन', उज्जैन

आज वाकई देश में बुजुर्गों की दशा चिंतनीय है। (उपेक्षा का दंश झेलते बुजुर्ग: कुंदन कुमार, 11 मार्च)। सारी माया पैसे की होने के कारण बुजुर्गों की उपेक्षा होती है। मां-बाप अपने जीते-जी पैतृक संपत्ति का बंटवारा करके मानो अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार लेते हैं। जमीन जायदाद और रुपया-पैसा हाथ में आते ही औलादों का व्यवहार एकदम बदल जाता है। बुजुर्गों की उपेक्षा से अगर शिक्षा नहीं ली गई तो आज की पीढ़ी को भी वही दिन देखना है, जो आजकल उनके मां-बाप देख रहे हैं।

अमृतलाल मारू 'रवि', धार, मप्र

उम्मीद की उड़ान

कोरोना महामारी के नियंत्रण के पश्चात अब पूरी दुनिया में जन-जीवन सामान्य हो रहा है। भारत में भी एक बड़ी आबादी का टीकाकरण संपन्न हो चुका है, बच्चों का भी टीकाकरण प्रांरभ हो चुका है, सभी गतिविधयां पूर्व की भांति पटरी पर लौट रही हैं। मार्च 2020 में महामारी नियंत्रण के लिए सभी तरह की उड़ानें रोक दी गई थीं। कोरोना के कुछ काबू में आने पर घरेलू उड़ानों को प्रारंभ कर दिया गया था। अब भी कई देशों की अंतरराष्ट्रीय उड़ाने बंद थीं, लेकिन अब भारत सरकार ने 27 मार्च से उन्हें शुरू करने का निर्णय किया है। सरकार के इस निर्णय से पर्यटन उद्योग, होटल उद्योग और अन्य कई व्यवसायों को लाभ मिलेगा। कोरोना काल के दौरान विमानन उद्योग को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है।

अंतरराष्ट्रीय उड़ाने बंद होने से कई लोग अपने परिवार जनों से मिलने से वंचित हो गए थे, लेकिन अब उनके इंतजार की घड़ियां समाप्त हो रही हैं। नियमित उड़ानें शुरू होने के अंतरराष्ट्रीय व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा और दुनिया में कही भी आना-जाना सामान्य हो जाएगा।

हिमांशु शेखर, केसपा, गया

पलटीमार की जगह

पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में अरविंद केजरीवाल की पार्टी देश की पहली ऐसी क्षेत्रीय पार्टी बनी है, जिसकी अब दो राज्यों में सरकार होगी। मगर इस बार लोकतंत्र के लिए जो सबसे अच्छी बात हुई है वह यह कि मतदाताओं ने दल बदलुओं और बड़बोले नेताओं को उनकी औकात बता दी है। चाहे वे किसी भी पार्टी के नेता हों, जिन्होंने चुनावों से पहले टिकट के नाम पर दलबदल किया या जिन नेताओं ने अपनी पार्टी पर चुनावों से पहले खुद को मुख्यमंत्री घोषित करवाने के लिए आलाकमान पर दबाव बनाया, उन सभी को मतदाताओं ने नकार दिया।

इन चुनावों के परिणाम ने कांग्रेस के गांधी परिवार को भी एक बार फिर से संकेत दिया है कि दूरदर्शी बने और इससे पहले कि कांग्रेस का कोई नामलेवा ही न बचे और पार्टी एक इतिहास बन जाए, दूसरे लोगों को मौका दें कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व करने का। यही संदेश बादल परिवार और बहन जी को भी दिया है।


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