सेक्स टॉयज का बढ़ता कारोबार

हाल ही में पश्चिम बंगाल प्रवर्तन निदेशालय के एक छापे के दौरान एक नेता की करीबी महिला से कैश और गहनों के साथ ही उसके फ्लैट से दो सेक्स टॉय भी मिले

Update: 2022-08-16 18:56 GMT
हाल ही में पश्चिम बंगाल प्रवर्तन निदेशालय के एक छापे के दौरान एक नेता की करीबी महिला से कैश और गहनों के साथ ही उसके फ्लैट से दो सेक्स टॉय भी मिले। हाल ही में कोरोना महामारी के दौरान चीन में बने सेक्ट टॉयज की मांग दुनियाभर में 30 फीसदी से ज्यादा बढ़ गई थी। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार चीन की सेक्स टॉयज इंडस्ट्रीज को देश-विदेश से बड़ी संख्या में ऑर्डर मिल थे। बढ़ती मांग के कारण कंपनियों को कर्मचारियों की संख्या बढ़ानी पड़ी थी। इस दौरान चीनी कंपनियों को फ्रांस, अमेरिका और इटली से सबसे अधिक ऑर्डर मिले थे। हालांकि कंपनियों को खुद चीन से उतने ऑर्डर नहीं मिल रहे थे। इसका कारण है कि चीन की संस्कृति अधिक रूढि़वादी है। सेक्स टॉयज के प्रोडक्शन की बात की जाए तो आपको जानकर हैरानी होगी कि वैश्विक बाजार में सप्लाई किए जाने वाले 70 प्रतिशत सेक्स टॉयज का निर्माण चीन में किया जाता है। सेक्स टॉयज के अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीन सबसे बड़ा देश बनकर उभरा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक इन तथाकथित खिलौनों के कुल उत्पादन का 70 प्रतिशत का निर्माण अकेले चीन में किया जाता है। वहीं चीन में सेक्स टॉयज का उत्पादन करने वाले रोमियो जियांग अपने ग्राहकों के बारे में कहते हैं कि हमारे 50 प्रतिशत ग्राहक अमेरिका से और 30 प्रतिशत ग्राहक यूरोप के हैं। पिछले साल इन खिलौनों की कुल बिक्री 20 लाख से लेकर 30 लाख अमेरिकी डॉलर के बीच थी। जियांग की कंपनी विभिन्न प्रकार के सेक्स टॉयज का निर्माण करती है और उन्हें 50 सेंट से लेकर 100 अमेरिकी डॉलर के दाम पर बेचती है। चायना डेली के अनुसार चीन में सेक्स टॉयज के इस उद्योग में लगभग 1000 उत्पादक कंपनियां लगी हुई हैं और पिछले कुछ वर्षों से इसकी सालाना बिक्री 20 लाख डॉलर के आसपास रही है। वहीं चाइना मार्केट रिसर्च सेंटर द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि इस साल के पांच महीने में ही इस उद्योग का राजस्व 94 करोड़ डॉलर का रहा है। सेक्स टॉयज के बारे में बात करने को भारतीय समाज में टैबू माना जाता है, लेकिन यह सच है कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए देश में लगाए गए लॉकडाउन के बाद से सेक्स टॉयज की बिक्री में अप्रत्याशित उछाल आया है। पिछले कुछ महीनों के दौरान देश में सेक्स टॉयज का बाजार 65 फीसदी बढ़ा है।
एक ताजा रिपोर्ट 'इंडिया अनकवर्ड : इनसाइटफुल एनालिसिस ऑफ सेक्स प्रोडक्ट्स ट्रेंड्स इन इंडिया' में भारतीय बाजार में सेक्स प्रोडक्ट्स की बिक्री के रुझानों और ग्राहकों के व्यवहार की नब्ज मिलती है। यह एनालिसिस सर्वे का चौथा संस्करण है जिसे 2.2 करोड़ विजिटर्स और ऑनलाइन बेचे जाने वाले 335000 प्रोडक्ट्स के अध्ययन के बाद तैयार किया गया है। ट्रेंड्स के मुताबिक सेक्स प्रोडक्ट्स की बिक्री में महाराष्ट्र पहले स्थान पर है। इस सूची में दूसरा स्थान कर्नाटक और तीसरा तमिलनाडु का है। देश में कोरोना संक्रमण के सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र में ही हैं। अगर मेट्रो शहरों की बात करें तो मुंबई सेक्स प्रोडक्ट्स की बिक्री में पहले स्थान पर है। इसमें बेंगलूरु दूसरे और नई दिल्ली तीसरे स्थान पर है। एनसीआर की तुलना में मुंबई महानगरीय इलाके (एमएमआर) में सेक्स प्रोडक्ट्स की बिक्री करीब 24 फीसदी अधिक है। पुणे सेक्स टॉयज की बिक्री के मामले में देश के 8 टॉप शहरों में शामिल है। सर्वे के मुताबिक सूरत में प्रति ऑर्डर सबसे अधिक खर्च 3900 रुपए है। पुरुष खरीददारों में उत्तर प्रदेश सभी राज्यों में सबसे आगे है। इन उत्पादों का बाजार तेजी से बढ़ रहा है क्योंकि अब लोग झिझक छोड़ रहे हैं और एक्सपेरीमेंट करने तथा नए प्रोडक्ट्स पर हाथ आजमाने को तैयार हैं। रिपोर्ट में सर्फिंग पैटर्न के बारे में भी बताया गया है। इसके मुताबिक महिलाओं के लिए खरीददारी का पसंदीदा समय दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक है जबकि पुरुष रात 9 बजे से आधी रात के बीच खरीददारी करना पसंद करते हैं। विजयवाड़ा, जमशेदपुर, बेलगाम और वडोदरा उन शहरों में शामिल हैं जहां पुरुषों की तुलना में महिला खरीददारों की संख्या ज्यादा है। सेक्स टॉयज खरीदने वाले अधिकांश खरीददारों की उम्र 25 से 34 साल के बीच है, लेकिन इन्हें बेचने वाली साइट्स पर सबसे ज्यादा समय बिताने वाले लोग 18 से 25 साल की उम्र के हैं।
इसमें यह खुलासा भी हुआ है कि लोग कंडोम खरीदने के लिए साइट पर आते हैं और अंत में सेक्स टॉयज खरीदते हैं। सर्वे में यह भी दावा किया गया है कि सेक्स प्रोडक्ट्स से 33 फीसदी मामलों में शादियां टूटने से बची हैं। इसमें कहा गया है कि पहली बार खरीददारी करने वाले अधिकांश लोग पुरुष होते हैं जबकि महिलाएं पुरुषों की तुलना में ज्यादा बार ऑर्डर रिपीट करती हैं। गौरतलब है कि उदारवादी देशों में लोगों के बीच सेक्स टॉयज का चलन तेजी से बढ़ रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक स्तर पर सेक्स टॉयज का व्यापार 15 बिलियन डॉलर्स तक पहुंच गया है। इनसानों को काल्पनिक सेक्स सुख पहुंचाने वाले इन खिलौनों के बिजनेस में हर साल 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो रही है। अमेरिका इन काल्पनिक सुख प्रदान करने वाले खिलौनों का सबसे बड़ा उपभोक्ता है। यहां तकरीबन हर बड़े कमर्शियल आउटलेट पर सेक्स टॉयज आसानी से मिल जाते हैं। यह एक ओपन सीक्रेट है कि हर आदमी की जिंदगी का अटूट हिस्सा होने के बावजूद भारत में सेक्स पर बात करना सामाजिक तौर पर बुरा माना जाता है। इस बिंदु पर खुलकर बात करने में हिचक होती है, लेकिन बात अगर सेक्स खिलौनों की हो तो इसके बारे में संकोच कहीं और ज्यादा है। वैसे तो सेक्स खिलौनों का चलन पश्चिमी देशों में ज्यादा है, लेकिन बदलते दौर में हमारे आसपास खुलेपन और उन्मुक्तता में इजाफा होने से समाज की सोच में बदलाव हो रहा है। खबरें बताती हैं कि गोवा के कलंगुट में सेक्स टॉय एवं वेलनेस प्रोडक्ट्स की एक दुकान खुली है। खास बात यह है कि ऐसे प्रोडक्ट्स बेचने वाली यह भारत की पहली मान्यता प्राप्त दुकान है।
इस दुकान का नाम कामा गिजमोस है। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि यह दुकान कलंगुट इलाके में है। इस दुकान में सेक्स खिलौनों के अलग-अलग उत्पाद, कंडोम, स्प्रे, जेल्स. वाइब्रेटर्स, पेकर्स और प्रोडक्ट्स बेचे जा रहे हैं। दिलचस्प यह है कि यह दुकान किसी अंधेरी जगह या तहखाने में नहीं बल्कि खुली सडक़ पर है और यह मेडिकल स्टोर जैसी दिखती है। दुकान में किसी तरह की नग्नता एवं अश्लीलता को बढ़ावा नहीं दिया गया है। इस दुकान में सबसे ज्यादा बीडीएसएम के सेट्स, मार्शमैलो फ्लेवर्ड, ग्लो इन द डार्क वेगन कंडोम, कॉक रिंग्स, वाइब्रेटर्स और रोल प्ले कॉस्ट्यूम्स बेचे गए हैं। भारत में दुनिया का जितना भी अश्लील कचरा है जैसे पोर्न, सेक्स टॉयज, समलैंगिकता, पशुगमन, खुली वेश्यावृति, ऑनलाइन सेक्स, डिजिटल वेश्यावृति आदि सेक्स के सब रूप धीरे-धीरे पैर पसार रहे हैं और ये विश्व में हमारे देश को 'महान' बनाकर ही छोड़ेंगे। इंटरनेट पर पश्चिमी सभ्यता और संस्कृति के प्रचार-प्रसार और वेब सीरीज ने अब धीरे-धीरे भारतीय नागरिकों को भी खोलना शुरू कर दिया है और अब धीरे-धीरे भारत में सेक्स भी हाईटेक होता जा रहा है । भारतीय बेडरूम में भी अब सेक्स की हाईटेक तकनीकी और पोजिशन का दखल धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है और हो सकता है कि ये दखल इतना बढ़ जाए कि भारत में भी वैवाहिक जीवन निश्चिंत अवधि के एग्रीमेंट के शिकार हो जाएं। इन समाचारों को जानने से सवाल पैदा होता है क्या हम भविष्य में अत्यंत मुनाफेदार अश्लीलता और सेक्स खिलौनों के व्यापार को देश में फलने-फूलने से रोक सकेंगे या नहीं?
डा. वरिंदर भाटिया
कालेज प्रिंसीपल
ईमेल : hellobhatiaji@gmail.com

By: divyahimachal



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