यह अच्छी बात है कि हम दुनिया की आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभरने की सोच रखते हैं, लेकिन ऐसा संभव होने में दो-तीन दशक से भी ऊपर का समय लग सकता है। देशवासियों के मन में यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि क्या महाशक्ति बनने पर देश के 80 करोड़ गरीब जिनको मुफ्त राशन दिया जा रहा है, वह गरीबी से मुक्त हो सकते हैं या नहीं? युवाओं को बेरोजगारी से और जनता को महंगाई से मुक्ति मिल सकती है? अमीर-गरीब की खाई मिट सकेगी? मुझे नहीं लगता है कि आर्थिक महाशक्ति बनने से गरीबी, बेरोजगारी व महंगाई आदि खत्म हो जाएगी। इससे पहले कि हमारी अर्थव्यवस्था डांवाडोल हो जाए, और देश पर भारी भरकम कर्ज मुसीबत बन जाए, हमें मुफ्त राशन बांटने के बजाय गरीबी उन्मूलन योजनाएं बनाने को प्राथमिकता देनी होगी।
-रूप सिंह नेगी, सोलन
By: divyahimachal