1 मई मजदूर दिवस या अधिकार दिवस
हर वर्ष दुनिया के प्रायः सभी हिस्सों में 1 मई अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाता है
Deepak Ambastha
हर वर्ष दुनिया के प्रायः सभी हिस्सों में 1 मई अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाता है. यह दिन हमें याद दिलाता है कि समाज के नवनिर्माण में श्रमिकों का और उनके ऐतिहासिक श्रम आंदोलनों का क्या योगदान रहा है. मजदूर दिवस मनाने की परंपरा 1886 में शिकागो के हे मार्केट की घटना की याद में 1889 से शुरू हुई.
मजदूर 8 घंटे से अधिक काम नहीं करेंगे
4 मई मीठी-मीठी सेक्स में अमेरिका के मजदूरों ने अपने संघ के माध्यम से एक मांग रखी कि मजदूर 8 घंटे से अधिक काम नहीं करेंगे, क्योंकि पहले काम के घंटे निर्धारित नहीं थे और यह श्रमिकों पर अत्याचार का एक माध्यम बना हुआ था. मजदूर अपनी मांगों के समर्थन में हड़ताल पर थे और इसी दौरान शिकागो के हे मार्केट में बम धमाका हुआ, बम किसने फेंका, पता नहीं था लेकिन जवाब में पुलिस ने गोली चला दी जिसमें 7 श्रमिक मारे गये.
बलपूर्वक काम नहीं लिया जा सकेगा
इस घटना ने अमेरिकी सरकार को एक सबक दिया और कुछ समय बाद ही सरकार ने फैसला किया कि मजदूर 8 घंटे से अधिक काम नहीं करेंगे और ना ही उनसे इस अवधि के बाद बलपूर्वक काम लिया जा सकेगा. भारत समेत अधिकतर देशों में श्रमिकों के लिए 8 घंटे का काम निर्धारित है. हालांकि अब यह जरूरत महसूस की जा रही है कि इस अवधि में परिवर्तन किया जाये और इसे और भी कम किया जाये.