मंडी का चुनावी इश्तिहार
प्रदेश की सियासत अपना रास्ता बदल रही है और मंडी संसदीय क्षेत्र का उपचुनाव यह साबित कर सकता है
प्रदेश की सियासत अपना रास्ता बदल रही है और मंडी संसदीय क्षेत्र का उपचुनाव यह साबित कर सकता है कि सारे ऊंट किसकी करवट बैैठेंगे। वर्तमान सरकार का सबसे बड़ा व महत्त्वपूर्ण इश्तिहार मंडी में लगने जा रहा है। यह इसलिए क्योंकि उम्मीदवारों की फेहरिस्त में भाजपा का सबसे बड़ा चेहरा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ही बनने जा रहे हैं। यह मिशन रिपीट का पूर्वाभ्यास हो सकता है और सरकार के मानकों में भाजपा का इतिहास बन सकता है, लेकिन इतने बड़े लक्ष्य का अवतार ढूंढने में पार्टी की भीतरी सतह पर अनिश्चितता का हाव भाव दिखाई दिया। यह कहने में गुरेज नहीं कि कांग्रेस पार्टी ने अपने किंतु-परंतु से बाहर निकलते हुए प्रतिभा सिंह समेत भवानी सिंह, रोहित ठाकुर व संजय अवस्थी पर दांव खेला है। अर्की विधानसभा से अपनी चुनौतियों के भीतर भाजपा की मुसीबत जाहिर हो रही थी, लेकिन कांगेस के घाव भी रिसने लगे हैं। संजय अवस्थी को मिले पार्टी टिकट पर चस्पां कई नेताओं के इस्तीफे स्व. वीरभद्र सिंह की विरासत को तोड़ने-मरोड़ने में लगे हैं। यह दीगर है कि कहीं मंडी संसदीय क्षेत्र में राजा की विरासत का मतदाता से सौदा भी हो रहा है। वीरभद्र सिंह के नाम का सिक्का सीधे-सीधे जयराम ठाकुर की सत्ता के सामने उछाला जा रहा है। चुनाव में वीरभद्र सिंह के संस्मरण या श्रद्धांजलि को कई नेताओं की विरासत से जोड़कर देखा जा सकता है और यह भी कि उनके परिवार के नाम मंडी उपचुनाव की वसीहत किस-किस को रास आती है।
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