वर्तमान में जीना और भविष्य के प्रति सावधानी जीवन की पटकथा का स्वाद होना चाहिए
देर रात तक जागने के बाद सुबह जल्दी उठना कठिन होगा ही
पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम:
देर रात तक जागने के बाद सुबह जल्दी उठना कठिन होगा ही। नए साल के स्वागत का जश्न जब आधी रात और उसके बाद तक भी मनाया जाएगा तो पहली सुबह थकान लेकर आएगी ही। ताजगी और दिनभर की शांति के लिए सूर्य की पहली किरण की लालिमा, उसका बिखरता ओज बड़े काम आता है। आने वाले साल में कई लोग नए-नए संकल्प लेंगे। लेना भी चाहिए।
लेकिन, चूंकि महामारी का माहौल थोड़ा भय पैदा कर रहा है, इसलिए एक संकल्प यह भी लिया जाए कि तन, मन और जन, इन तीनों पर नए साल में नए ढंग से काम करेंगे। तन का संबंध स्वास्थ्य से है, मन का शांति से और जन (हमसे जुड़े लोग) का संबंध सफलता से होना चाहिए। इसीलिए आज शाम छह बजे से छत्तीसगढ़ के भिलाई नगर में श्री हनुमान चालीसा महापाठ का अनूठा कार्यक्रम होने वाला है, जिसका सीधा प्रसारण संस्कार टीवी पर किया जाएगा।
हनुमान चालीसा मंत्र है और जब उसका सामूहिक गुंजन होता है तो पूरे वातावरण में एक सकारात्मक प्रभाव उतरता है। रामचरित मानस का सुंदर कांड सफलता का सोपान है। सीताजी की खोज के दौरान हनुमानजी ने विभीषण से तीन भेंट की थीं। आज शाम के इस आयोजन के केंद्र में भी सुंदर कांड के हनुमानजी होंगे।
इस कार्यक्रम से जुड़कर नए साल मेंं ऐसी तैयारी करें कि विभीषण की तरह मुसीबतों से निकलकर राम जैसी सफलता तक पहुंच सकें। न सीखें। अतीत के अनुभव, वर्तमान में जीना और भविष्य के प्रति सावधानी जीवन की पटकथा का स्वाद होना चाहिए।