जीना मुहाल हो जाएगा
भारत उन देशों में से है जहां ये असहनीय हालात बन जाएंगे
By NI Editorial
अगर कार्बन उत्सर्जन को कम नहीं किया गया, तो जल्द ही भारत रहने लायक ही नहीं रह जाएगा। आईपीसीसी की छठी मूल्यांकन रिपोर्ट में कहा गया है कि समुद्र की सतह के स्तर के बढ़ने से प्रभावित होने वाली आबादी के लिहाज से भारत दुनिया में सबसे कमजोर स्थिति वाले देशों में शामिल है।
इस बात का अहसास शायद आईपीसीसी को भी होगा कि उसकी चेतावनियों पर सत्ताधारी ध्यान नहीं देंगे। और इस बार तो संयुक्त राष्ट्र की इस संस्था की रिपोर्ट ऐसे मौके पर आई है, जब दुनिया का ध्यान पूरी तरह यूक्रेन संकट पर टिका हुआ है। ऐसे में आईपीसीसी की रिपोर्टों पर जितनी चर्चा पहले होती थी, शायद इस बार उतनी भी नहीं हो। बहरहाल, ये रिपोर्ट फिर से एक चिंताजनक तस्वीर पेश करती है। जलवायु परिवर्तन पर आईपीसीसी की नई रिपोर्ट में भारत को खास तौर पर आगाह किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर कार्बन उत्सर्जन को कम नहीं किया गया, तो जल्द ही भारत रहने लायक ही नहीं रह जाएगा। आईपीसीसी ने अपनी छठी मूल्यांकन रिपोर्ट के दूसरे भाग को जारी किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि समुद्र की सतह के स्तर के बढ़ने से प्रभावित होने वाली आबादी के लिहाज से भारत दुनिया में सबसे कमजोर स्थिति वाले देशों में शामिल है। रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि अगर उत्सर्जन को जल्द ही खत्म नहीं किया गया, तो वैश्विक स्तर पर गर्मी और आर्द्रता ऐसे हालात उत्पन्न कर देंगे, जो इंसान बर्दाश्त नहीं कर पाएगा।
भारत उन देशों में से है जहां ये असहनीय हालात बन जाएंगे। विशेष रूप से शहरों पर पड़ने वाले असर के बारे में इसमें बताया गया है। मिसाल के तौर पर मुंबई पर भारी बाढ़ और समुद्र के स्तर के बढ़ने का काफी खतरा है। अहमदाबाद पर शहरी 'हीट आइलैंड' बन जाने का गंभीर खतरा है। चेन्नई, भुवनेश्वर, लखनऊ और पटना जैसे शहर भी गर्मी और आर्द्रता के खतरनाक स्तर की तरफ बढ़ रहे हैं। शहरों में हीटवेव जैसे बहुत अधिक गर्मी के हालात बढ़ गए हैं और उनकी वजह से वायु प्रदूषण भी बढ़ा है। बिजली, पानी, यातायात जैसी महत्वपूर्ण आधारभूत संरचनाओं पर भी असर पड़ा है। रिपोर्ट में 'वेट-बल्ब' तापमान के बारे में बताया गया है, जो गर्मी और आर्द्रता को एक साथ मापने का एक पैमाना है। 31 डिग्री सेल्सियस वेट-बल्ब तापमान इंसानों के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है। इस समय भारत में 'वेट-बल्ब' तापमान कभी कभी 31 डिग्री से ऊपर चला जाता है। वैसे आईपीसीसी के मुताबिक भारत के अधिकांश इलाकों में यह 25-30 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। कुल निष्कर्ष यह है कि सब के लिए रहने लायक भविष्य सुनिश्चित करने का मौका तेजी से हाथ से निकल रहा है। मगर इस निष्कर्ष की किसे परवाह है?