कैसे खत्म हुआ पाकिस्तान के गद्दाफी स्टेडियम का 14 साल का वनवास?
21 मार्च 2022. आज सुबह जब ऑस्ट्रेलिया की टीम (Australia Cricket Team) के कप्तान पैट कमिंस (Pat Cummins) लाहौर टेस्ट में टॉस करने के लिए उतरे तो ये पाकिस्तान क्रिकेट और गद्दाफी स्टेडियम (Gaddafi Stadium) के लिए ऐतिहासिक लम्हा था
शिवेन्द्र कुमार सिंह
21 मार्च 2022. आज सुबह जब ऑस्ट्रेलिया की टीम (Australia Cricket Team) के कप्तान पैट कमिंस (Pat Cummins) लाहौर टेस्ट में टॉस करने के लिए उतरे तो ये पाकिस्तान क्रिकेट और गद्दाफी स्टेडियम (Gaddafi Stadium) के लिए ऐतिहासिक लम्हा था. इस मैदान में क्रिकेट की वापसी के इंतजार का 14वां साल शुरू हो गया था. पिछली बार इस मैदान में मार्च 2009 में मैच खेला गया था. 3 मार्च 2022 के बाद से इंतजार का 14वां साल चल रहा था. जिस इंतजार को ऑस्ट्रेलिया की टीम ने तोड़ा. दरअसल, इसी मैदान में श्रीलंका और पाकिस्तान की टीम के बीच वो टेस्ट मैच खेला जा रहा था, जिस दौरान श्रीलंकाई टीम पर आतंकी हमला हुआ था. उस वक्त श्रीलंका की टीम होटल से गद्दाफी स्टेडियम के रास्ते में ही थी. हमले में श्रीलंका के कई खिलाड़ी घायल भी हुए थे. बाद में गद्दाफी स्टेडियम में हेलीकॉप्टर के जरिए ही खिलाड़ियों को वापस श्रीलंका भेजा गया. उसके बाद से ही लाहौर के ऐतिहासिक गद्दाफी स्टेडियम को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट का इंतजार था. जो आखिरकार पूरा हुआ.
आगे बढ़ने से पहले बता दें कि तीन टेस्ट मैच की सीरीज के पहले दो मैच ड्रॉ हो चुके हैं. तीसरे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया है. अब वापस लौटते हैं गद्दाफी स्टेडियम के वनवास की कहानी पर.
न्यूजीलैंड-इंग्लैंड की टीम ने आखिरी मिनट में रद्द किया था दौरा
पिछले साल न्यूजीलैंड की टीम भी पाकिस्तान के दौरे पर थी. इस दौरे में भी लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में मैच खेले जाने थे. उस दौरे में लाहौर में पांच टी-20 मैच की सीरीज खेली जानी थी. पिछले साल सितंबर के महीने में न्यूजीलैंड की टीम ने ऐन मैच के दिन मैदान में जाने से मना कर दिया. क्रिकेट की दुनिया में उस रोज काफी हलचल मची थी. न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड का कहना था कि उनके पास कुछ इस तरह की जानकारी है कि उनकी टीम की सुरक्षा को लेकर कुछ गड़बड़ी हो सकती है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी न्यूजीलैंड क्रिकेट को सुरक्षा का भरोसा दिया. लेकिन बावजूद इसके न्यूजीलैंड की टीम वापस लौट गई. इसके बाद इंग्लैंड की टीम ने भी पाकिस्तान दौरा रद्द कर दिया था. इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने इस फैसले के पीछे खिलाड़ियों की सुरक्षा का ही हवाला दिया था. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड इसके बाद से ही भारी आर्थिक संकट में डूबा हुआ था.
पाकिस्तान में खेलने से क्यों बचती हैं अंतर्राष्ट्रीय टीम
करीब 25 साल बाद ऑस्ट्रेलिया की टीम पाकिस्तान के दौरे पर पहुंची. जिस दिन ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने पाकिस्तान में कदम रखा उसी के कुछ दिन बाद पेशावर में बड़ा विस्फोट हुआ. ये धमाका एक मस्जिद में हुआ था. इस विस्फोट में 50 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी. पाकिस्तान के ताजा राजनीतिक हालात भी चिंताजनक हैं. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान पर इस्तीफे का दबाव लगातार बनाया जा रहा है. इस बात के पूरे आसार हैं कि बतौर प्रधानमंत्री इमरान खान अब कुछ ही दिनों के मेहमान हैं. ये स्थिति इसलिए गंभीर हो जाती है कि जिस देश का प्रधानमंत्री अपनी कुर्सी बचाने की लड़ाई लड़ रहा हो वो विदेशी खिलाड़ियों की सुरक्षा को लेकर कितना सतर्क होगा.
क्रिकेट का कड़वा सच ये है कि कोरोना की मार दुनिया भर के क्रिकेट बोर्ड को पड़ी है.मैच नहीं हुए तो कमाई भी नहीं हुई. क्रिकेट बोर्ड दिवालिया होने की कगार पर थे. ऐसे में दुनिया के जो बड़े क्रिकेट बोर्ड हैं उन्होंने अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझते हुए इस तरह के दौरों के लिए हामी भरी है. साथ ही साथ समझौता ये भी है कि आप हमारे देश का दौरा करें हम आपके देश का दौरा करेंगे. बहरहाल, स्थितियां चाहे जैसी हों लेकिन गद्दाफी स्टेडियम में एक नए इतिहास की शुरुआत हुई है.