टाटा की पूरी वंशबेल, इंडस्ट्री और "' रतनों " की कहानी सिलवर स्क्रीन पर लाने की तैयारी

टाटा शायद इकलौता भारतीय बिजनेस घराना है, जिसके खिलाफ ना आम लोग सोशल मीडिया पर आसानी से कुछ लिखते हैं

Update: 2022-05-25 14:19 GMT

विष्णु शर्मा | 

टाटा शायद इकलौता भारतीय बिजनेस घराना है, जिसके खिलाफ ना आम लोग सोशल मीडिया पर आसानी से कुछ लिखते हैं और ना ही राजनीतिक पार्टियां (Tata Group Biopic) अम्बानी अडानी (Ambani- Adani) की तरह अपने निशाने पर लेतीं हैं. इसकी वजह है देश की जड़ों के साथ उनका इमोशनल जुड़ाव और अपनी ऐसी छवि बनाना कि टाटा और देश एक दूसरे के पर्याय लगें. अब टी सीरीज (T series) और ऑलमाइटी पिक्चर्स मिलकर परदे पर टाटा फैमिली की कहानी लेकर आएंगे, इसके लिए उन्होंने वरिष्ठ पत्रकार गिरीश कुबेर की किताब द टाटाज: हाउ ए फैमिली बिल्ट ए बिजनेस एंड ए नेशन के ऑडियो विजुअल राइट्स खरीद लिए हैं.
मूवी या वेबसीरीज की तैयारी
किताब का जो टाइटल है, उसी पर आधारित होने वाली ये मूवी या वेबसीरीज. ऐसे में नई पीढ़ी को इस परिवार के बारे में जानने में काफी दिलचस्पी हो सकती है और इसमें भी कि आखिर इस परिवार ने देश के लिए ऐसा क्या किया, जिसके चलते इस कम्पनी और परिवार की छवि इतनी बेदाग है. टी सीरीज ने अपने बयान में कहा है कि, टी सीरीज और ऑलमाइटी मोशन पिक्चर्स को गर्व है कि हमने उस परिवार की कहानी के ऑडियो विजुअल राइट्स खरीदे हैं, जिसकी तीन पीढ़ियां राष्ट्र निर्माण में हिस्सा ले रही हैं. इस बयान से भी साफ इशारा मिलता है कि मूवी या वेबसीरीज किस दिशा में जाएगी.
सबसे पहले जानकारी जो इस मूवी से आम जनता को पता चलने वाली है, वो है टाटा फैमिली का आपसी रिश्ता. जैसे इस परिवार के इतिहास में एक नहीं, दो नहीं, बल्कि तीन तीन रतन टाटा हैं. वो जानेंगे कि टाटा फैमिली के कितने चैरिटेबल ट्रस्ट हैं, जो पूरे टाटा ग्रुप के 65 फीसदी शेयर पर हिस्सा रखते हैं, लेकिन पालोनजी मिस्त्री परिवार के पास 18 फीसदी हिस्सा क्यों हैं. इस परिवार का मशहूर वैज्ञानिक होमी जहांगीर भाभा से क्या रिश्ता था, कैसे जो पुराने रतन टाटा थे, उनके साथ ही टाटा परिवार का वंश खत्म हो गया और उनकी मौत के बाद उनकी पत्नी ने एक रिश्तेदार नवल टाटा को गोद लिया था, अब ये परिवार उन्हीं का है. शापूरजी का टाटा परिवार से कनेक्शन कैसे हुआ. आम लोग जानेंगे कि कैसे जमशेदजी टाटा के साथ ही उनके ममेरे भाई की एक और शाखा साथ साथ चल रही है, जे आरडी टाटा उस परिवार से थे. इसी शाखा से जुड़ी रतन बाई रुट्टी की शादी पाकिस्तान के जनक मोहम्मद अली जिन्ना से हुई थी. हालांकि इतनी लम्बी परिवार गाथा को फिल्म में समेटना मुश्किल होगा, ये भी अभी स्पष्ट नही है कि मूवी बनेगी या वेबसीरीज.
जब जमशेद जी ने स्वामी विवेकानंद के साथ अमेरिका की यात्रा की
चूंकि देश के विकास में टाटा परिवार के योगदान की बात इसमें होंगी, तो कैसे देश में आजादी से पहले जमशेदजी टाटा ने इंडस्ट्रीज को बढ़ावा देने में योगदान दिया, नवसारी गुजरात के इलाके में पारसी पुजारियों के परिवार में सबसे पहले उनके पिता वहां से निकले, एक एक्सपोर्ट ट्रेडिंग फर्म मुंबई में स्थापित की और बेटे जमशेद को चीन में अफीम का व्यापार समझने भेजा, लेकिन जमशेदजी टाटा को कॉटन के बिजनेस में दम लगा और एक दिन उन्होंने टाटा ग्रुप, टाटा स्टील की स्थापना की. ऐसे में इस मूवी या वेबसीरीज में सबसे ज्यादा दिलचस्प होगी वह घटना., जिसमें स्वामी विवेकानंद के साथ अमेरिका तक की शिप यात्रा में कैसे उन्होंने स्वामीजी से प्रेरणा ली और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएससी) और टाटा स्टील की नींव रखी. आईआईएससी की स्थापना में तो सारी मंजूरी हीं स्वामी विवेकानंद की शिष्या सिस्टर निवेदिता ने दिलवाई थीं.
दोराबजी की कहानी
टाटा ग्रुप के दूसरे चेयरमेन दोराबजी की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं, शापूरजी कनेक्शन और भाभा कनेक्शन उन्हीं के चलते टाटा परिवार से हुआ. उसी के चलते टाटा ने होमी भाभा की रिसर्च में मदद की और बाद में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च खड़ी हुई. टाटा पावर उन्हीं के जमाने में खड़ी हुई, उन्हीं के हिस्से में ताज होटल मुंबई और न्यू इंडिया इंश्योरेंस कम्पनी जैसे ब्रांड आते हैं.
जमशेदजी टाटा ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएससी), जो आज भी देश की नंबर 1 यूनिवर्सिटी है, की नींव रखी तो भारत में ओलम्पिक आंदोलन का श्रेय दोराबजी टाटा के हिस्से में जाता है, 1924 के पेरिस ओलम्पिक में भारतीय दल को वित्तीय सहायता उन्हीं की तरफ से दी गई थी, यहां तक कि वो कई साल तक इंटरनेशनल ओलम्पिक कमेटी के सदस्य भी रहे. जब उनकी पत्नी की मौत ल्यूकेमिया से हुई तो दोराब जी ने परिवार का इस दिशा में पहला ट्रस्ट बनाया लेडी टाटा मेमोरियल ट्रस्ट, ब्लड रिसर्च के फील्ड में शुरू हुआ उनका काम आज टाटा कैंसर हॉस्पिटल जैसा विशाल वृक्ष बन चुका है.
पहले वाले और दूसरे वाले रतन टाटा
पहले वाले रतन टाटा जो दोराब जी टाटा के छोटे भाई थे, ने भी विदेशी यूनीवर्सिटी में टाटा फंड के जरिए गरीब छात्रों की काफी मदद की, मुंबई शहर के इंडस्ट्रीज को ज्यादा से ज्यादा बिजली दिलवाने में उनका योगदान रहा. ऐसे में उनके बाद उनकी पत्नी का नवल टाटा को गोद लेना इस मूवी या वेबसीरीज के लिए काफी दिलचस्प हो सकता है.
नवल टाटा आज के रतन टाटा, जिम्मी टाटा और नोएल टाटा के पिता थे. भारतीय हॉकी के क्षेत्र में इनका योगदान याद किया जाता है. 15 साल तक वह इंडियन हॉकी एसोसिएशन के प्रेसीडेंट रहे. इंडियन कैंसर सोसायटी की भी स्थापना की. वो निर्दलीय रूप से 1971 में साउथ मुंबई से चुनावों में भी खड़े हुए थे, पर हार गए थे. लेकिन किसी भी फिल्ममेकर के लिए उससे ज्यादा दिलचस्प है एक मध्यमवर्गीय परिवार से निकलकर टाटा खानदान का चिराग बनना. रतनजी टाटा की पत्नी ने उनको गोद लिया और टाटा परिवार की परम्पराओं में ढाला. उनकी पहली शादी से रतन और जिम्मी व दूसरी शादी से नोएल टाटा हैं. ऐसे में उनकी व्यक्तिगत जिंदगी काफी दिलचस्प है. उससे भी ज्यादा दिलचस्प है कि उनके बेटे रतन टाटा की शादी ना होना, जबकि नवल ने दो दो शादियां की थीं.
रतन टाटा की शादी न होने की कहानी
आज के रतन टाटा की शादी की कहानी भी काफी दिलचस्प है, उनकी जिंदगी में प्यार था, वह उससे शादी भी करने वाले थे, लेकिन चीन युद्ध के चलते ऐसा हो नहीं पाया. अमेरिका में उनको एक लड़की से प्यार हो गया था, उनका पहला प्यार. वह अपनी बीमार दादी को देखने भारत आए और पीछे पीछे उस लड़की को भी दादी से मिलने आना था, लेकिन अचानक भारत चीन युद्ध शुरू हो गया, फ्लाइट्स की समस्या हो गई. रतन को आईबीएम से ऑफर मिला, बाहर जाने का मौका था, लेकिन उन्हें टाटा स्टील में काम करने को कहा गया. इधर लम्बे इंतजार के बाद उस लड़की ने वहीं किसी और से शादी कर ली थी. ये पूरा किस्सा रतन टाटा ने खुद सीएनएन के इंटरनेशनल टॉक एशिया प्रोग्राम को दिए इंटरव्यू में बताया था. ये भी बताया कि तीन बार और वो सीरियस हुए थे, लेकिन बात बन नहीं पाई.
टाटा परिवार का जिन्ना कनेक्शन
फैमिली की एक और शाखा में जेआरडी टाटा और उनके पिता रतनजी टाटा का जिक्र के बिना भी कोई मूवी या बेवसीरीज पूरी नहीं हो सकती. ये इस परिवार के पहले रतनजी थे, कुल 3 थे. ये जमशेदजी के मामा के लड़के थे. इनके बेटे जेआरडी टाटा ग्रुप के चौथे चेयरमेन बने, नवल टाटा से इनके मतभेद रहते थे. जेआरडी की बड़ी बहन की ननद रतन बाई थीं जिन्ना की पत्नी. जबकि जिन्ना की बेटी दीना ने बॉम्बे डाइंग के चेयरमेन से शादी कर ली थी. तो टाटा और वाडिया परिवार का कनेक्शन भी जुड़ जाता है. इसी परिवार के नैस वाडिया पंजाब की आईपीएल टीम के मालिक हैं.
अगर वेबसीरीज बनेगी तो उसमें ये जिक्र भी आपको देखने को मिल सकता है कि जेआरडी टाटा की मां सुजैन ही भारत की वो पहली महिला थीं, जिन्होंने कार चलाई थी, जबकि जेआरडी को भारत में पायलट का पहला लाइसेंस मिला था. टीसीएस, टाइटन, टाटा सॉल्ट, वोल्टास और टाटा मोटर्स जैसी कम्पनियां स्थापित करने का श्रेय उनके हिस्से में जाता है, उन्ही के हिस्से में जाता है एक ऐसी कम्पनी खड़ी करने का श्रेय भी, जिस पर एक पूरी मूवी बनाई जा सकती है, वो है एयर इंडिया, आज रतन टाटा ने उसे वापस लेकर मूवी का क्लाइमेक्स भी लिख दिया है.
जेआरडी टाटा का फ्रांस कनेक्शन
सबसे दिलचस्प बात है कि जेआरडी टाटा ना केवल फ्रांस में पले बढ़े थे, बल्कि वहीं के नागरिक थे, बड़े होकर उन्होंने फ्रेंच आर्मी में भी काम किया था, लेकिन उनकी किस्मत में तो भारत रत्न मिलना लिखा था. ये अलग बात है कि जेनेवा में उनकी मौत के बाद उनको पारसी रीति रिवाज से पेरिस में ही उनका अंतिम संस्कार हुआ था.
ऐसे में जब ये मूवी आएगी तो कई सारे विवादों को भी इसमें दिखाया जाना तय है, नेहरूजी का एयर इंडिया को अधिग्रहण करना, जेआरडी टाटा का इमरजेंसी को समर्थन देना, ममता बनर्जी का पश्चिम बंगाल में टाटा प्रोजेक्ट के खिलाफ आंदोलन खड़ा करना और प्रोजेक्ट ना लगने देना, रतन टाटा का देशवासियों के लिए 1 लाख रुपए की कार बनाना और फिर उसका फेल हो जाना. सबसे पड़ा विवाद पिछले कुछ सालों में सामने आया जब साइरस मिस्त्री को टाटा संस का चेयरमेन बनाया गया और उन्हें हटाकर रतन टाटा को फिर से कमान सौंपी गई.

सोर्स-tv9hindi.com 

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