चीन की सौगात: दो साल से फंसे सैकड़ों छात्रों को वीजा जारी करने का किया एलान
दो साल से फंसे सैकड़ों छात्रों को वीजा जारी करने का किया एलान
बिच्छू राउंडअप
चीन ने भारतीय छात्रों को बड़ी राहत दी है। चीन ने कोविड प्रतिबंधों के कारण फंसे सैकड़ों छात्रों को दो साल से ज्यादा समय बाद वीजा जारी का ऐलान किया। इसके अलावा भारतीयों के लिए व्यापार वीजा समेत विभिन्न श्रेणियों के लिए भी वीजा जारी किए जाने की योजना की घोषणा की। चीनी विदेश मंत्रालय में एशियाई मामलों के विभाग में काउंसलर जी रोंग ने ट्वीट में कहा, भारतीय छात्रों को हार्दिक बधाई। आपका धैर्य सार्थक साबित हुआ। मैं वास्तव में, आपके उत्साह और खुशी को साझा कर सकती हूं। चीन में आपका स्वागत है। चीन की घोषणा के मुताबिक, एक्स1-वीजा, उन छात्रों को जारी किया जाएगा जो हायर एजुकेशन के लिए लंबी अवधि की खातिर चीन जाना चाहते हैं। इनमें नए छात्रों के अलावा वे छात्र भी शामिल हैं जो अपनी पढ़ाई आगे जारी रखने के लिए चीन लौटना चाहते हैं। कोविड वीजा प्रतिबंधों के कारण 23,000 से अधिक भारतीय छात्र घर वापस गए थे। उनमें से ज्यादातर मेडिकल के छात्र हैं।
आधार अपडेट करने में नहीं होगी परेशानी, देश भर में खोले जाएंगे 114 आधार सेवा केंद्र
आधार कार्ड आज हमारे पास मौजूद सबसे जरूरी दस्तावेजों में से एक बन गया है। इसकी जरूरत हर वित्तीय व गैर-वित्तीय काम में पड़ रही है। इसकी बढ़ती जरूरत को देखते हुए इसे बनाने वाले संस्थान भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने 114 आधार सेवा केंद्र खोलने का फैसला किया है जिससे लोगों को नए आधार बनवाने या पुराने आधार में बदलाव कराने में आसानी हो। यह आधार सेवा केंद्र 53 बड़े शहरों में खोले जाएंगे। इन आधार सेवा केंद्रों को राज्यों की राजधानी, सभी मेट्रो सिटी और केंद्र शासित प्रदेशों में खोला जाएगा। आप इन केंद्रों पर आधार से जुड़े हर तरह के काम कर सकते हैं। फिलहाल देश में 88 आधार सेवा केंद्र काम कर रहे हैं। बता दें कि आधार सेवा केंद्र हफ्ते के सभी दिन काम करते हैं। यह रविवार को भी बंद नहीं किए जाते हैं। इनके खुलने का समय सुबह 9.30 से शाम 5.30 बजे तक होता है। इस केंद्रों में दिव्यांगों व वरिष्ठ नागरिकों के लिए खास सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। आधार सेवा केंद्रों के अलावा देश में 35,000 आधार सेंटर भी काम रहे हैं।
लाउडस्पीकर पर अजान से किसी के मौलिक अधिकार का उल्लंघन नहीं: कर्नाटक एचसी
कर्नाटक हाई कोर्ट ने सोमवार को मस्जिदों में अजान के लिए लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। उच्च न्यायालय ने कहा है कि लाउडस्पीकर पर अजान देने से अन्य धर्मों के लोगों के मौलिक अधिकार का उल्लंघन नहीं होता। अदालत ने मस्जिदों को लाउडस्पीकर पर अजान देने से रोकने का आदेश देने से इनकार कर दिया। हालांकि, अदालत ने अधिकारियों को लाउडस्पीकरों से संबंधित ध्वनि प्रदूषण नियम लागू करने और अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक अराधे के नेतृत्व वाली खंडपीठ ने बेंगलुरु के निवासी मंजूनाथ एस। हलावर की एक जनहित याचिका पर सुनवाई की। याचिका में कहा गया था कि अजान देना मुसलमानों की एक आवश्यक धार्मिक प्रथा है, हालांकि अजान की आवाज अन्य धर्मों को मानने वालों को परेशान करती है। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि भारतीय संविधान का अनुच्छेद 25 और 26 सहिष्णुता के सिद्धांत का प्रतीक है, जो भारतीय सभ्यता की विशेषता है।
जेएनयू की वीसी बोलीं- कोई भी देवता ब्राह्मण नहीं, एससी/एसटी हैं भगवान शिव
देश में जाति-संबंधी हिंसा की घटनाओं के बीच जवाहरलाल नेहरु (जेएनयू) विश्वविद्यालय की कुलपति शांतिश्री धुलिपुड़ी पंडित ने सोमवार को कहा कि मानव-विज्ञान की दृष्टि से देवता उच्च जाति से नहीं हैं और यहां तक कि भगवान शिव भी अनुसूचित जाति या जनजाति से हो सकते हैं। डॉ. बीआर आंबेडकर्स थॉट्स आन जेंडर जस्टिस: डिकोडिंग द यूनिफॉर्म सिविल कोड शीर्षक वाले डॉ. बीआर आंबेडकर लेक्चर सीरीज में शांतिश्री धुलिपुड़ी पंडित ने कहा कि मनुस्मृति में महिलाओं को दिया गया शूद्रों का दर्जा इसे असाधारण रूप से प्रतिगामी बनाता है। उन्होंने कहा, मैं सभी महिलाओं को बता दूं कि मनुस्मृति के अनुसार सभी महिलाएं शूद्र हैं, इसलिए कोई भी महिला यह दावा नहीं कर सकती कि वह ब्राह्मण या कुछ और है और आपको जाति केवल पिता से या विवाह के जरिये पति की मिलती है। मुझे लगता है कि यह कुछ ऐसा है जो असाधारण रूप से प्रतिगामी है। जेएनयू की वीसी ने 9 साल के एक दलित लड़के के साथ हाल ही में हुई जातीय हिंसा की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि कोई भी भगवान ऊंची जाति का नहीं है।