ब्लॉग: 'आप' है कांग्रेस का विकल्प! केजरीवाल को 'राष्ट्र-विरोधी' या हिंदू-विरोधी साबित करने में नाकाम भाजपा की बढ़ रही चिंता
By हरीश गुप्ता
भारत को 'कांग्रेस मुक्त' बनाने के लिए भाजपा 2014 से जुटी है. वह कांग्रेस के गढ़ को केवल दो राज्यों (राजस्थान और छत्तीसगढ़) तक सीमित करने और कई अन्य राज्यों में बड़े पैमाने पर दल-बदल कराने में भले सफल रही हो लेकिन पार्टी नेतृत्व इस बात से चिंतित है कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी राज्यों में कांग्रेस के एक व्यवहार्य विकल्प के रूप में उभर रही है.
रणनीतिक रूप से आप जहां भी संभव हो राज्यों में जिला स्तर के कांग्रेस नेताओं पर ध्यान केंद्रित कर रही है और कांग्रेस के किसी भी वरिष्ठ नेता को आप में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित नहीं कर रही है. इस रणनीति ने पंजाब में भरपूर लाभ दिया और अब हिमाचल प्रदेश और गुजरात में भाजपा को चिंतित कर रही है जहां इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं.
इसी संदर्भ में भाजपा नेतृत्व आप और कांग्रेस नेताओं पर खुल कर शाब्दिक हमले कर रहा है. इन राज्यों में आए दिन कांग्रेस से पलायन जारी है. लेकिन जो लोग भाजपा को हटाना चाहते हैं, वे जमीनी स्तर पर बड़े पैमाने पर आप में शामिल हो रहे हैं. जिस तेजी से सरकारी जांच एजेंसियां और दिल्ली के नए उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना केजरीवाल की सरकार और उसके मंत्रियों को निशाना बना रहे हैं, उसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है.
कई हफ्तों से केजरीवाल पर हमला करने के लिए केंद्रीय मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं का दल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहा है. शिक्षा क्षेत्र के कुप्रबंधन और शराब नीति पर महीनों से बात हो रही है. सितंबर में हमले और तेज हो जाएंगे. रेवड़ियों (फ्रीबीज) पर पीएम के हमले के केंद्र में केजरीवाल थे. लेकिन भाजपा को अभी तक सुप्रीम कोर्ट से अनुकूल निर्णय नहीं मिल सका है.