हमारा देश कृषि प्रधान देश है। यहां विभिन्न अनाज, दलहन, सब्जियों और फलों की पैदावार खूब होती है। लेकिन यहां कुछ राज्यों में कृषि के प्रति लोगों की रुचि कुछ कम भी हुई है, जिसके बहुत से कारण हो सकते हैं। मौसम की बेरुखी भी इसके लिए जिम्मेदार है। यहां पर कृषि की सिंचाई बारिश पर निर्भर है और प्रकृति से छेड़छाड़ के कारण मौसम का चक्र भी बिगड़ गया है। सरकार को इसके लिए कुछ बंदोबस्त करने चाहिए। पानी के प्राकृतिक स्रोतों को पुनर्जीवित करने के लिए और इनके संरक्षण के लिए भी सरकार को किसानों की आर्थिक मदद करनी चाहिए। सरकारें बेमौसमी बरसात और ओलावृष्टि से बर्बाद फसलों के जख्मों पर मुआवजे के रूप में मरहम लगाती हैं, लेकिन आखिर कब तक ऐसा चलता रहेगा?
-राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा
By: divyahimachal