औद्योगिक विकास को गति देने के लिए अब रेलवे के तीव्र आधुनिकीकरण की, प्रबंधन को अधिक कुशल बनाने की तथा इसे अधिक सेवा उन्मुख करने की जरूरत है। वर्ष 2024 तक रेलवे का 100 प्रतिशत विद्युतीकरण करने का उद्देश्य है। माल ढुलाई परिचालनों में आमूलचूल बदलाव के लिए 'गति शक्ति योजना' के तहत 500 'मल्टी-मॉडल कार्गो टर्मिनल' बनाने का भी लक्ष्य है।इसके माध्यम से सड़क, जलमार्ग, वायुमार्ग या अन्य साधनों को रेलवे टर्मिनल के साथ एकीकृत किया जा सकेगा। वर्ष 2030 तक सौर ऊर्जा के माध्यम से रेलवे को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का भी लक्ष्य है। आने वाले समय में अर्थव्यवस्था के सतत विकास के लिए हरित ऊर्जा एक बहुत बड़ा विकल्प होगी। भारत हरित ऊर्जा के उत्पादन में चौथे स्थान पर है।
वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन चिंता का कारण है, पर भारतीय अर्थव्यवस्था हरित ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो सकती है। ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन में भी संभावनाएं हैं। भारतमाला परियोजना द्वारा राजमार्गों के विकास को तीव्र गति दी जा रही है। केंद्रीय बजट में सड़क परिवहन के विकास के लिए आवंटन बढ़ाया गया है। इससे जहां पर्यटन का क्षेत्र और विकसित होगा, वहीं आवागमन भी और सुविधाजनक व सुरक्षित होगा।समुद्री मार्ग का विकास भी भारत को ब्लू इकनॉमी के माध्यम से वैश्विक नेतृत्व करने का एक अच्छा मौका दे सकता है। आंकड़ों के मुताबिक लगभग 70 प्रतिशत बंदरगाहों की कार्य क्षमता बढ़ाई जा चुकी है तथा पिछले कुछ वर्षों में बंदरगाहों से होने वाली आय में भी 15 से 20 प्रतिशत वृद्धि हुई है। जहां तक दूरसंचार क्षेत्र की बात है, तो महामारी के दौरान हमने अपने दैनिक जीवन के कई पक्षों पर इसका सकारात्मक असर देखा है।
ऑनलाइन शिक्षा हो या ऑनलाइन वस्तुओं का क्रय-विक्रय, इन सब में इसकी बड़ी भूमिका रही है। इंटरनेट टेक्नोलॉजी के तीव्र विस्तार ने ग्रामीण क्षेत्र को भी बहुत सहारा दिया है। 5जी के आ जाने के बाद इसमें और सुधार होगा तथा औद्योगिक विकास को गति मिलेगी।