सड़क पर प्यास से तड़प रही थी चिड़िया, पानी मिलते ही गौरैया की जान में आई जान
पानी मिलते ही गौरैया की जान में आई जान
तेज़ी से बदलता मौसम इंसानों को जितना प्रभावित करता है उससे कहीं ज्यादा मार बेजुबान जीवों पर पड़ती है. वजह हैं हम खुद. दरअसल प्रकृति ने तो हर किसी की क्षमता के हिसाब से प्राकृतिक संसाधनों का बंटवारा बराबर-बराबर कर रखा था. लेकिन हम इंसानों ने सब कुछ हथिया लेने की होड़ में किसी के लिए कुछ नहीं छोड़ा. नतीजा ये हैं हम धरती का दोहन कर सबकुछ सोखते जा रहे हैं और जो ये नहीं कर सकते वो बेचारे मरने को मजबूर है.बात उन जानवरों की जो मशीन, RO या कूलर से नहीं बल्कि नदी-तालाब से पानी पीना जानते हैं.
क्लाइमेट चेंज किस तरह बेजुबान जीवों की जान पर भारी पड़ रहा है एक वीडियो के ज़रिए समझाने की कोशिश की IFS सुशांत नंदा ने, जिन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया जिसमें तपती गर्मी से जलती सड़क पर एक गौरैया दम तोड़ती नज़र आ रही थी लेकिन मात्र पानी की कुछ बूंदों ने उसे फिर से चहकने पर मजबूर कर दिया. वीडियो के ज़रिए बेजुबानों के प्रति जागरूकता लाने की भी कोशिश की गई.
तड़पती गौरैया पानी मिलते ही चहक उठी
गौरैया जो खुद अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है. जिसे बचाने के लिए न जाने कितने अभियान शुरु किए जा चुके हैं. छत और आंगन में लोग गौरैया देखने के लिए तरस रहे हैं. वही गौरैया तपती गर्मी में सड़क पर पड़ी जिंदगी का आखिरी सांसे गिर रही थी. बिन पानी वो दम तोड़ देती अगर एक शख्स ने उस पर ध्यान न दिया होता. उसकी पीड़ा की वजह न समझी होती. दरअसल गौरैया इतनी बेहाल थी कि खड़ी भी नहीं हो पा रही थी. लेकिन जैसे ही उसने मुंह में पानी की कुछ बूंदे पड़ी वो फिर से चहक उठी. जो कुछ सेकेंड पहले खड़ी नहीं हो पा रही थी वो न सिर्फ खड़ी हुई बल्कि उसके शरीर में फुर्ती भी साफ देखी जा सकती है.