इस देश में मिला 'सोने का द्वीप', जहा से निकल रहा खजाना
सोने की चीजें काफी महंगी होने के साथ ही लोगों आकर्षित भी करती हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | सोने की चीजें काफी महंगी होने के साथ ही लोगों आकर्षित भी करती हैं। इसकी कीमत की वजह से सोना खरीदना हर किसी के बस का नहीं होता। वहीं ऐसे में अगर किसी नदी से सोने का पूरा द्वीप निकल आए, तो क्या ही कहने। जी हां, ऐसा ही एक मामला इंडोनेशिया से सामने आया है जहां पर अचानक से एक नदी में सोने का द्वीप उभर गया है। यहां से लोगों को सोने के जेवर, अंगूठियां, बौद्ध मूर्तियां और कीमती सिरेमिक बर्तन मिल रहे हैं।
इस सोने के द्वीप की सालों से तलाश थी। कहा जा रहा है कि कई सालों पहले गायब हो चुका ये सोने का द्वीप इंडोनेशिया के पालेमबैंग प्रांत की मूसी नदी में मिला है। इस नदी की तलहटी से सोने के आभूषण और कई बेस कीमती वस्तुएं मिल रही हैं। बीते 5 साल से मछुआरे मूसी नदी में खजाने की तलाश में थे, लेकिन अब जाकर नदी की गहराई से लाखों कोशिशें करने के बाद एक मछुआरे को सोने का अनमोल खजाना मिला है।
गोताखोर लगातार निकाल रहे खजाना
इस नदी की तलहटी से गोताखोर लगातार सोने के आभूषण, मंदिर की घंटियां, यंत्र, सिक्के, सिरेमिक बर्तन और बौद्ध मूर्तियां निकाल रहे हैं। बताया जा रहा है कि गोताखोरों को अब तक नदी से सोने की तलवार, सोने और माणिक से बनी अंगूठी, नक्काशीदार जार, वाइन परोसने वाला जग और मोर के आकार में बनी बांसूरी मिली है। इस द्वीप को लेकर लोक कथाएं भी हैं। आइये जानते हैं इसके बारे में...
क्या हैं लोक कथाएं ?
इस द्वीप को लेकर लोक कथाएं हैं कि यहां पर इंसान खाने वाले सांप रहते हैं। ज्वालामुखी फटता रहता है। सिर्फ यही नहीं, लोगों का मानना है कि हिंदी भाषा में बात करने वाले तोते भी रहते हैं। इसके अलावा कहा जाता है कि 'सोने का द्वीप' नाम से प्रसिद्ध ये जगह इंडोनेशिया के प्राचीन इतिहास में श्रीविजया शहर कहलाता था। उस जमाने में ये बेहद रईस शहर था। कहा जाता है कि यहां पर मलाका की खाड़ी पर राज करने वाले राजाओं का साम्राज्य था। भारतीय चोल साम्राज्य से हुए युद्ध में ये शहर बिखर गया था।
क्या कह रहे हैं इतिहासकार ?
इस मामले में इतिहासकारों का मानना है कि मूसी नदी के नीचे एक ऐसा साम्राज्य हो सकता है, जो सोने का हो। वहीं इस बारे में मरीन आर्कियोलॉजिस्ट सीन किंग्सले ने कहा कि आजतक श्रीविजया शहर को खोजने के लिए सरकार की तरफ किसी तरह का खनन कार्य नहीं किया गया है। अब तक जो भी आभूषण या कीमती वस्तुएं नदी से निकल रही हैं, उन्हें गोताखोरों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करने वाले निजी लोगों को बेच दिया। इसका मतलब ये है कि वहां पर आज भी पुराना शहर हो सकता है, लेकिन जरूरत है उसे खोजने की।