आखिर कितनी है पृथ्वी की वास्तविक उम्र, जानिए कैसे लगाया वैज्ञानिकों ने सालों का पता
आपको अपनी जन्म तिथि के बारे में पता होगा, अपने पिता की जन्म तिथि पता होगी और शायद अपने दादा की भी तिथि ज्ञात होगी
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आपको अपनी जन्म तिथि के बारे में पता होगा, अपने पिता की जन्म तिथि पता होगी और शायद अपने दादा की भी तिथि ज्ञात होगी. ये भी मुमकिन है कि आपके पूर्वज, फैमिली ट्री बनाने में यकीन रखते होंगे जिसके चलते आपको आपके परिवार के 7-8 पुश्तों की डेट ऑफ बर्थ पता हो. मगर क्या आप धरती की जन्म तिथि (How scientists know about earth age) के बारे में जानते हैं? क्या कभी आपने सोचा कि आखिर धरती (Do you know about age of earth) का बर्थडे कब होता है, वो कितने साल पहले बनी थी? यूं तो वैज्ञानिकों ने धरती (How old is earth) की उम्र के बारे में काफी कुछ पता लगा लिया है मगर करोड़ों साल बाद के लोगों को ये कैसे पता चला कि असल में धरती (When was earth formed) कब बनी थी?
हाउ स्टफ वर्क्स वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार धरती की असल उम्र (real age of earth) का पता कई सदियों से लोग लगाने की कोशिश कर रहे हैं. सबसे पॉपुलर थ्योरी के अनुसार धरती (age of earth in crores) की उम्र 450 करोड़ साल है जिसमें 5 करोड़ साल ऊपर-नीचे माना जाता है. साल 1950 के दौर में इस अंदाजे पर पहुंचा गया जिसके बाद से इसी को ही धरती की सही उम्र मानते हैं. चलिए अब जानते हैं कि इतने करोड़ साल बाद कैसे धरती की उम्र का अंदाजा लगाया गया.
कई वैज्ञानिकों ने अपने-अपने अनुसार लगाए थे अंदाजे
रिपोर्ट के अनुसार ग्रीक दर्शनशास्त्री अरस्तू अंदाजा लगाया था कि समय का ना ही आदि है और ना ही अंत. ऐसे में उन्होंने धरती को अंसख्य साल का बताया था. मगर प्राचीन भारत के विद्वानों ने अपने ज्ञान से उस दौर में बिग बैंग जैसी घटना का अंदाजा लगाकर धरती की उम्र को 190 करोड़ साल बताया था. मध्य काल में ईसाइयों ने बाइबल में धरती की उम्र को खोजने की कोशिश की और तब वो उसकी उम्र 5 हजार साल से लेकर 7 हजार साल होने का ही अंदाजा लगा पाए. 1700 से लेकर 1800 के बीच में कई वैज्ञानिकों ने अलग-अलग अंदाजे लगाए. किसी ने धरती के ठंडे होने के अनुसार अंदाजा लगाया तो किसी ने तलछट यानी सेडिमेंट जमने के हिसाब से उम्र को आंका.
इस शख्स ने लगाया था धरती की उम्र का पता
सबसे सटीक अंदाजा 20वीं सदी के शुरुआती वक्त से लगाया जाना शुरू किया गया जब रेडियोमेट्रिक डेटिंग की शुरुआत हुई. इस तरीके का इस्तेमाल कर के वैज्ञानिक पत्थर से निकल चुकी रेडियोएक्टिव ऊर्जा का पता लगाते हैं जिससे पत्थर की उम्र का पता चलता है. साल 1953 में क्लेयर पैटर्सन ने आसमान से सदियों पहले गिरे उल्कापिंडों की जांच की जिससे उन्होंने अंदाजा लगाया कि धरती की उम्र 450 करोड़ साल है.