16 फीट लंबे मगरमच्छ ने ली थी 14 सालों में 80 लोगों की जान
मगरमच्छ (Most dangerous crocodile in the world) बेहद खतरनाक जीव होते हैं और उन्हें वैज्ञानिक सबसे हिंसक जीव भी मानते हैं.
मगरमच्छ (Most dangerous crocodile in the world) बेहद खतरनाक जीव होते हैं और उन्हें वैज्ञानिक सबसे हिंसक जीव भी मानते हैं. मगरमच्छ इतने खतरनाक होते हैं कि वो जानवरों को ही नहीं, इंसानों को भी अपना शिकार बना लेते हैं. दुनिया में कई खूंखार मगरमच्छों का जिक्र मिल जाता है जिन्होंने काफी तबाही मचाई. ऐसा ही एक मगरमच्छ अफ्रीका के यूगांडा (Uganda, Africa) में 1990 के दशक में मौजूद था जिसने वहां के एक गांव (Crocodile terror in Uganda village) में कई लोगों को अपना शिकार बना लिया था. उसकी लंबाई 16 फीट थी.
ये कहानी उसी मगरमच्छ की है जिसने 1-2 नहीं, पूरे 80 लोगों को अपना शिकार (Crocodile killed 80 people in village) बनाया था. यूगांडा में लुगांगा (Luganga, Uganda) नाम का एक गांव है जहां साल 1991 से लेकर 2005 तक एक मगरमच्छ का आतंक था जिससे हर कोई डरता था. इसके आतंक को देखते हुए यहां के लोगों ने इसे दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी ओसामा बिन लादेन (Osama Bin Laden) के नाम पर ओसामा (Osama crocodile Uganda) नाम दिया था.
80 लोगों को उतार चुका था मौत के घाट
डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार मगरमच्छ ने बड़ों को ही नहीं, 12 साल और उसे कम उम्र के बच्चों को भी अपना शिकार बना चुका है. वो अफ्रीका की सबसे बड़ी झील लेक विक्टोरिया में रहता था और झील के पास जाने वाले हर व्यक्ति को अपना शिकार बना लेता था. वो तट के पास घात लगाकर शिकार का इंतजार करता था और नजदीक खड़े लोगों को झपटकर सीधे पानी के नीचे लेता जाता था. यही नहीं, उसने कई बार नाव में यात्रा कर रहे लोगों की नाव पर भी हमला किया था जिससे नाव पलट जाए और लोगों को वो शिकार बना ले.
पकड़ने के बाद भी मगरमच्छ को मारा नहीं गया
सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड नाम की वेबसाइट ने साल 2005 में ही एक आर्टिकल इसी मगरमच्छ पर लिखा था जिसमें उन्होंने पॉल केवाल्यांगा नाम के व्यक्ति से बात की थी जिसका भाई पीटर उसी मगरमच्छ के हमले में मारा गया था. पॉल ने बताया कि वो नाव में पीछ बैठकर उसे चला रहा था जबकि पीटर, नाव के आगे बैठकर मछली पकड़ रहा था. ओसामा तभी तालाब से बाहर निकला और उसने नाव पर जोरदार हमला किया. पीटर पानी में गिर गया जबकि पॉल जैसे-तैसे कर के पल्टी हुई नाव पर लटका हुआ था. 5 मिनट तक पीटर ने लड़ाई की मगर वो इतने विशाल मगरमच्छ से लड़ नहीं पाया. कुछ दिन बाद पीटर का सिर और हाथ पानी में तैरता मिला था. साल 2005 में जंगल विभाग और लोकल लोगों ने मिलकर उसे पकड़ा मगर उसे मारा नहीं गया, बल्कि ब्रीडिंग प्रोग्राम में उसे भेज दिया गया.