हत्या के मामले के फरार चल रहे वांटेड बदमाश गिरफ्तार
क्राइम ब्रांच (Crime Branch) की एजीएस पुलिस ने हत्या के मामले के फरार चल रहे एक वांटेड बदमाश को गिरफ्तार किया है
नई दिल्ली : क्राइम ब्रांच (Crime Branch) की एजीएस पुलिस ने हत्या के मामले के फरार चल रहे एक वांटेड बदमाश को गिरफ्तार किया है, जिसने अपने भाई के साथ मिल कर एक कुख्यात गैंगस्टर समुंदर दहिया (Notorious Gangster Samundar Dahiya) की निर्मम हत्या कर दी थी और फिर उसकी सोने की चेन, लॉकेट और गाड़ी लेकर फरार हो गया था.
डीसीपी रोहित मीणा (DCP Rohit Meena) के अनुसार इस मामले में गिरफ्तार आरोपी की पहचान कुलदीप उर्फ काला (Kuldeep alias Kala) के रूप में हुई है. ये हरियाणा के सोनीपत जिला का रहने वाला है. मंगोलपुरी थाने में जुलाई 2014 में दर्ज लूट और हत्या के मामले में पुलिस को इसकी तलाश थी. लगातार फरार रहने की वजह से दिसंबर 2014 में कोर्ट ने इसे भगौड़ा घोषित किया था, जबकि दिल्ली पुलिस ने इसकी गिरफ्तारी पर 50 हजार का इनाम घोषित किया था.
डीसीपी ने बताया कि वांटेड और फरार चल रहे बदमाशों की धरपकड़ के लिए एसीपी एजीएस नरेश कुमार की देखरेख में क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार के नेतृत्व में एसआई अनुज छिकारा, सचिन, एएसआई बृजलाल, हेड कॉन्स्टेबल दीपक, कॉन्स्टेबल धीरज और अन्य की टीम का गठन किया गया था. पुलिस टीम सूत्रों को सक्रिय कर वांटेड और फरार चल रहे बदमाशों के बारे में जानकारियों को विकसित करने में लगी हुई थी. इसी क्रम में क्राइम ब्रांच पुलिस को गुप्त सूत्रों से समुंदर दहिया के हत्या के आरोपी कुलदीप उर्फ काला के नजफगढ़ इलाके में छुपे होने का पता चला. इस जानकारी को और विकसित किया गया, साथ ही तकनीकी विश्लेषण और निगरानी भी की गई. जिससे उसके छुपने के लोकेशन की सटीक पहचान होने पर पुलिस ने छापेमारी कर उसे नजफगढ़ से दबोच लिया.
पुलिस ने बताया कि 10 दिसंबर 2014 में मंगोलपुरी थाने की पुलिस को दी गयी. शिकायत में शिकायतकर्ता सतबीर सिंह ने बताया कि उसका भाई समुंदर, जो कि रोहिणी इलाके में प्रॉपर्टी डीलर का काम करता है, उसे दीपक और कुलदीप उठा ले गए हैं. उसी शिकायत के आधार पर मंगोलपुरी थाने में मामला दर्ज किया गया.
जांच के दौरान स्थानीय पुलिस को पता चला कि दीपक, कुलदीप उर्फ काले और अन्य ने मिल कर समुंदर का अपहरण किया और फिर गला घोंट कर उसकी हत्या कर दी. समुंदर के सोने की चेन, लॉकेट और उसकी गाड़ी को आरोपियों ने लूट लिया और उसकी बॉडी को सोनीपत स्थित मदीना के कुएं में फेंक दिया. बाद में आरोपियों ने पकड़े जाने से बचने के लिए उसकी गाड़ी को असम ले जा कर बेच दिया था. इस मामले में दीपक और उसके सहयोगी, जो कि नाबालिग थे, उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया था, जबकि मुख्य आरोपी कुलदीप उर्फ काला लगातार अपनी गिरफ्तारी से बच रहा था. जिस पर दिसंबर 2014 में कोर्ट ने उसे भगौड़ा घोषित कर दिया था.
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वो हरियाणा के खरखोड़ा का रहने वाला है. वह और उसका भाई, दोनों ही शातिर अपराधी हैं. उसका भाई दीपक, समुंदर की हत्या के आरोप में जेल में उम्र कैद की सजा काट रहा है. उसने बताया कि बुरी संगत के कारण वो अपराध करने लगा था. बाद में वो और उसका भाई दीपक, समुंदर दहिया गैंग के सदस्य बन गए. उसने बताया कि समुंदर दहिया, सोनीपत और एनसीआर का एक कुख्यात गैंगस्टर था. उस पर मर्डर, एक्सटॉर्शन, अटेम्ट टू मर्डर आदि जैसे दर्जन भर से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज थे. वो टाडा के मामले में गिरफ्तार भी हुआ था. उसने बताया कि गैंग को एक्सटॉर्शन की रकम मिली थी, जिसके बंटवारे को लेकर उनके बीच विवाद चल रहा था, जिसे लेकर उनके बीच झगड़ा भी हुआ था. जिसके बाद उसने अपने भाई दीपक और अन्य के साथ मिल कर समुंदर का अपहरण किया और उसका गला दबा कर हत्या कर दी. इसके अलावा उसके चेहरे को भी ईंट से मार कर बिगाड़ दिया और उसकी बॉडी को मदीना के कुएं में फेंक दिया. फिर समुंदर की गाड़ी सहित उसका चेन और लॉकेट लेकर वो फरार हो गए. इस मामले में उसके भाई को उम्र कैद की सजा हुई है.
समुंदर की हत्या के मामले में उसके भाई की गिरफ्तारी के बाद वो अंडरग्राउंड हो गया था. वो 2014 से गिरफ्तरी से बचने के लिए लगातार पता बदल कर रह रहा था. इस मामले में पुलिस ने उसे गिरफ्तार के कोर्ट में पेश कर दिया है और आगे की जांच में जुट गई है.
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