अधिकारियों के तबादले को लेकर खींचतान, दिल्ली की पूरी कैबिनेट पहुंची एलजी हाउस
नई दिल्ली (आईएएनएस)| दिल्ली सरकार और दिल्ली के उपराज्यपाल के बीच शुक्रवार को एक बार फिर अधिकारियों के तबादले को लेकर खींचतान सामने आई। हालात यह थे कि दिल्ली की पूरी कैबिनेट उपराज्यपाल निवास के बाहर जाकर खड़ी हो गई। कैबिनेट दिल्ली के उपराज्यपाल से मिलने उनके आवास पर पहुंची। यह मुलाकात सर्विसेज सेक्रेटरी आशीष मोरे के तबादले को लेकर थी। दिल्ली सरकार के मंत्रियों का कहना है कि शुरूआत में उन्हें एलजी से मिलने का समय नहीं दिया गया और करीब डेढ़ घंटे तक सभी मंत्री उपराज्यपाल निवास के बाहर सड़क पर खड़े रहे।
वहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एलजी साहिब सुप्रीम कोर्ट का आदेश क्यों नहीं मान रहे। दो दिन से सर्विसेज सेक्रेटरी की फाइल साइन क्यों नहीं की। कहा जा रहा है कि केंद्र अगले ह़फ्ते आर्डिनेंस लाकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलटने वाली है।
दिल्ली के सर्विसेज मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सर्विस इस विभाग के सचिव आशीष मोरे की जगह नए सर्विसेज सेक्रेटरी की नियुक्ति के आदेश जारी किए थे। भारद्वाज का कहना है कि आशीष मोरे ने इस आदेश की अवहेलना की। निर्देश दिए जाने पर अपने सहयोगियों और परिवार के सदस्यों को छोड़कर आशीष मोरे रहस्यमय तरीके से दिल्ली सचिवालय से गायब हो गए थे। इसके बाद उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया, जिसके बाद सोमवार को वह वापस लौट आए। दिल्ली सरकार का कहना है कि इसके बाद अब उपराज्यपाल इस फाइल को आगे नहीं बढ़ा रहे हैं।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि क्या केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलटने की साजि़श कर रही है। क्या एलजी साहिब आर्डिनेंस का इंतजार कर रहे हैं। दिल्ली सरकार की पूरी कैबिनेट उपराज्यपाल निवास के बाहर काफी देर तक इंतजार करती रही।
दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी के मुताबिक डेढ़ घंटे के इंतजार के बाद आखिरकार एलजी साहब को चुनी हुई सरकार के मंत्रियों से बात करने का समय मिला। उम्मीद है वह संविधान, जनमत और कोर्ट के निर्णय का सम्मान करेंगे।
दिल्ली सरकार का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद दिल्ली सरकार द्वारा सर्विसेज सेक्रेटरी को बदलने के लिए दो दिन पहले भेजी गई फाइल को लेकर एलजी बैठे हुए हैं। अभी तक फाइल को मंजूरी नहीं मिलने पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को एलजी से तीखे सवाल किए। सीएम केजरीवाल ने पूछा कि एलजी साहब सुप्रीम कोर्ट के आदेश क्यों नहीं मान रहे हैं। दो दिन से पड़ी सर्विसेज सेक्रेटरी की फाइल साइन क्यों नहीं की।
उधर, इससे पहले दिल्ली सचिवालय में सर्विसेज मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एलजी से निवेदन करते हुए कहा कि जल्द से जल्द फाइल को वापस भेजे, ताकि दिल्ली के और काम हो सकें। दिल्ली के सर्विसेज मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 11 मई 2023 को सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने सर्व सम्मति से फैसला दिया था कि दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग और विजिलेंस विभाग चुनी हुई सरकार के अंतर्गत है। ये विभाग केंद्र सरकार या एलजी साहब के अधीन नहीं है।
उन्होंने कहा कि चुनी हुई दिल्ली सरकार की ओर से 11 मई को आदेश दिया गया कि सबसे पहले दूसरे अफसरों को बदलने के लिए आर्डर देने वाले सर्विसेज सेक्रेटरी को बदला जाए, ताकि चुनी हुई सरकार जल्द से जल्द अपने आदेश को लागू करा सके।