जामिया में बढ़ाया जा सकता है सीयूईटी का दायरा, एकेडमिक काउंसिल लेगी फैसला
नई दिल्ली, (आईएएनएस)| दिल्ली स्थित जामिया विश्वविद्यालय सीयूईटी को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय ले सकता है। जामिया ने अभी केवल कुछ चुनिंदा पाठ्यक्रमों में ही सीयूईटी के माध्यम से दाखिले देने का निर्णय लिया है। विश्वविद्यालय अब अपने इस फैसले की पुर्न समीक्षा कर सकता है और पहले से अधिक पाठ्यक्रमों को सीयूईटी के दायरे में लाने का निर्णय लिया जा सकता है। अभी तक जामिया प्रशासन ने अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में 59 विषयों में से केवल 10 और पोस्ट ग्रेजुएशन के 82 पाठ्यक्रम में से केवल 5 कोर्सेज को सीयूईटी के माध्यम से प्रवेश के लिए मान्यता दी है।
सीयूईटी का दायरा बढ़ाने का विषय जामिया की एकेडमिक काउंसिल की बैठक में रखा जाएगा। एकेडमिक काउंसिल अधिकांश पाठ्यक्रमों में सीयूईटी के माध्यम से एडमिशन देने का फैसला ले सकती है। गौरतलब है कि जामिया से जुड़े कई छात्र भी सीयूईटी का दायरा बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं। छात्रों की मांग है कि सभी पाठ्यक्रमों में सीयूईटी के माध्यम से प्रवेश हो।
अपनी इन मांगों के साथ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने जामिया विश्वविद्यालय परिसर में प्रदर्शन भी किया। अभाविप का कहना है कि छात्रों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन के आगे जामिया प्रशासन को झुकना पड़ा है। जामिया के प्रॉक्टर प्रॉक्टर ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों से मुलाकात कर मांगों के सभी बिंदुओं को जल्दी से जल्दी एकेडमिक काउंसिल की बैठक में रखते हुए सभी पाठ्यक्रमों में सीयूईटी द्वारा प्रवेश लागू करने का आश्वासन दिया है।
इन छात्रों ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में शत प्रतिशत प्रवेश परीक्षा सीयूईटी के मध्यम से करने के लिए मांग रखते हुए प्रदर्शन किया।
अभाविप के हर्ष अत्री ने कहा कि यूजीसी ने सीयूईटी के माध्यम से प्रवेश को अनिवार्य कर दिया है ताकि देश के विभिन्न भागों और वर्गों से आने वाले छात्रों को विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने का बराबरी का मौका मिले। जामिया प्रशासन ने अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में 59 विषयों में से केवल 10 और पोस्ट ग्रेजुएशन के 82 में से केवल 5 कोर्सेज को सीयूईटी के माध्यम से प्रवेश के लिए मान्यता दी है। यह छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। अभाविप के कार्यकर्ता प्रशासन के विरुद्ध शत प्रतिशत सीयूईटी को लागू करने एवं पीएचडी में प्रवेश लेने वाले छात्रों के स्कोर कार्ड जारी करने की मांग के साथ प्रदर्शन कर रहे थे। प्रशासन को झुकना ही पड़ा। हमने प्रशासन को अपनी मांगों के साथ ज्ञापन दिया है, और प्रशासन से एकेडमिक काउंसिल में हमारी मांगों को रखते हुए पास कराने का आश्वासन भी दिया है।
--आईएएनएस