श्रद्धा और हर्षोल्लास से मनाई गई श्रीकृष्ण जन्माष्टमी

Update: 2022-08-20 10:57 GMT

न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला

Delhi News : पूरा दिन मंदिर 'नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की, यशोदा नंदन की जय, माखन चोर की जय, हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की, बोलो बांके बिहारी लाल की' जयघोष से गूंजते रहे। मंदिरों में सजी झांकियों और भजन मंडलियों ने माहौल को पूरी तरह से कृष्णमय बनाए रखा।

राजधानी में शुक्रवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी श्रद्धा व हर्षोल्लास से मनाई गई। पूरा दिन मंदिर 'नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की, यशोदा नंदन की जय, माखन चोर की जय, हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की, बोलो बांके बिहारी लाल की' जयघोष से गूंजते रहे।

मंदिरों में सजी झांकियों और भजन मंडलियों ने माहौल को पूरी तरह से कृष्णमय बनाए रखा। रात 12 बजते ही मंदिर श्रीकृष्ण के जयघोष से गूंज उठे। इस दौरान मंदिरों में अभिषेक करने के बीच विशेष आरती की गई और 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया।

तमाम छोटे-बड़े मंदिरों में सुबह पांच बजे पहली आरती के साथ भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की शुरुआत हुई। इसके बाद पूजा अर्चना और भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन करने का सिलसिला शुरू हुआ और आधी रात तक जारी रहा। लक्ष्मी नारायण मंदिर में सबसे अधिक श्रद्धालु पूजा अर्चना करने के लिए पहुंचे।

इस्कॉन टैंपल (ईस्ट ऑफ कैलाश, पंजाबी बाग, रोहिणी, द्वारका व गीता कॉलोनी) में भी श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। भगवान श्रीकृष्ण को झूला झूलाने के लिए श्रद्धालुओं में होड़ लगी रही। बहुत से छोटे बच्चे भगवान श्रीकृष्ण बने हुए थे। सभी मंदिरों में रंगबिरंगी रोशनी की गई थी और मंदिर फूलों से सजे थे। मंदिरों में भगवान श्रीकृष्ण की आकर्षक झांकियां सजाई गईं।

छतरपुर मंदिर एवं बद्री भगत झंडेवाला मंदिर परिसर में भी भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। इसी तरह आसफ अली रोड स्थित श्रीराम हनुमान वाटिका मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव बड़े ही निराले अंदाज में मनाया गया। यहां अनेक झांकियां बनाई गई थीं, जिनमें भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं से रूबरू कराया गया।

श्रीकृष्ण बने बच्चों के साथ भक्तों ने नृत्य किया : लक्ष्मी नारायण मंदिर में दिनभर कीर्तन हुआ। इस दौरान श्रीकृष्ण बने बच्चों के साथ भक्तों ने नृत्य किया। उनका नृत्य इतना मनमोहक था कि उसे देखने के लिए यहां लाइन में लगे भक्त कुछ पल के लिए स्वयं को रोकने को मजबूर हो गए।

झांकियां रहीं आकर्षण का केंद्र : लक्ष्मी नारायण मंदिर में श्रीकृष्ण भगवान की आकर्षक झांकियां सजाई गईं, जिनमें श्रीकृष्ण के विभिन्न स्वरूप, वासुदेव व देवकी के जेल में बंद होना, जेल से बालक श्रीकृष्ण को यमुनापार ले जाते हुए वासुदेव, पूतना का वध करते श्रीकृष्ण, यशोदा को अपने मुख में ब्राह्माण्ड दिखाते हुए श्रीकृष्ण, माखन चोरी करते हुए नरसिंह अवतार आदि झांकियां थीं। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही: लक्ष्मी नारायण मंदिर और इस्कॉन मंदिरों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही। मुख्य द्वार पर ही नहीं, मंदिरों के आसपास भी पुलिसकर्मी तैनात थे। पुलिसकर्मियों ने श्रद्धालुओं को कड़ी जांच के बाद ही मंदिर में प्रवेश दिया। उन्होंने प्रसाद की भी जांच की।

सोने के कलश से अभिषेक

सभी इस्कॉन मंदिरों में भक्तों के लिए भगवान के अभिषेक के भी खास इंतजाम थे। मंदिरों में सोने के कलश से भगवान श्रीकृष्ण का अभिषेक, दूध, दही और जल से किया गया। मंदिरों में पूरा दिन हरे रामा हरे कृष्णा संकीर्तन हुआ। इस्कॉन गुरुकुल के बच्चों ने राधा कृष्ण बनकर खास प्रस्तुति दी। सैकड़ों बच्चों ने राधा कृष्ण बनकर भक्ति का समां बांधा।

कान्हा को लगाया 1156 व्यंजनों का भोग

जीटी करनाल रोड पर स्थित खाटू श्याम धाम मंदिर में कान्हा को 1156 व्यंजनों का भोग लगाया। यहां सुबह सेे लेकर आधी रात भक्त दर्शन करने के आए। बच्चों नेे कृष्ण और राधा के रूप में नृत्य नाटिका व कृष्ण की जीवन लीला की प्रस्तुति दी।

आध्यात्म और कला का अनूठा प्रदर्शन

दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान ने द्वारका में मनाए गए जन्माष्टमी समारोह के दौरान श्रीकृष्ण भगवान के जीवन की लीलाओं के आध्यात्मिक रहस्यों को कला के माध्यम से लोगों के बीच रखा। कार्यक्रम में देश विदेश से आए कलाकारों ने श्रीकृष्ण-सुदामा प्रेम, मीरबाई की अटूट भक्ति और कालिया मर्दन जैसे प्रसंगों पर नृत्य नाटिकाओं का मंचन किया। साथ ही संस्थान के युवा प्रचारकों ने श्रीकृष्ण लीलाओं का आध्यात्मिक और वैज्ञानिक पक्ष सबके सामने रखा।

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