दिल्ली में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने आबकारी नीति पर कहा कि एलजी ने एक्साइज पॉलिसी को ध्यान से पढ़ा। एलजी ने दो बार आबकारी नीति को अप्रूवल दिया
दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने आबकारी नीति को लेकर शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि दिल्ली के एलजी ने दो बार आबकारी नीति को अप्रूवल दिया। मनीष सिसोदिया ने कहा कि एलजी साहब ने नई पॉलिसी को पास किया था और एलजी के सभी सुझाव माने गए। नई आबकारी नीति में समान रूप से बंटी। पुरानी शराब नीति से दुकानदारों को फायदा हुआ।
सिसोदिया ने कहा कि नई नीति में दुकान बढ़ाने नहीं बल्कि समान रूप से दुकान बांटने का प्रस्ताव था। दिल्ली के उपराज्यपाल की मंजूरी से ही नई नीति बनाई गई थी। सरकार ने उपराज्यपाल के सभी सुझाव माने थे। सिसोदिया ने दावा किया कि उपराज्यपाल ने दो बार पढ़कर नई नीति को मंजूरी दी थी।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मौजूदा आबकारी नीति में राजस्व के नुकसान के लिए तत्कालीन उपराज्यपाल को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि पॉलिसी लागू होने के 48 घंटे पहले राजनिवास ने बिना कैबिनेट और सरकार से पूछे पॉलिसी में बदलाव कर दिया। उन्होंने कहा कि अगर एलजी ऑफिस ने निर्णय नहीं बदला होता तो सरकार को हजारों करोड़ों का नुकसान नहीं होता। उन्होंने कहा कि जांच के लिए सीबीआई को भेजेंगे।
सिसोदिया ने कहा कि फेरबदल की वजह से अनाधिकृत एरिया में शराब की दुकान नहीं खुल सकी। इस तरह से जो दुकानें खुली उसको लाभ पहुंचाया गया। सिसोदिया ने कहा कि तत्कालीन उपराज्यपाल ने पहले तो अनाधिकृत एरिया में शराब की दुकानें खोलने पर सहमति जताई, लेकिन पॉलिसी लागू होने के 2 दिन पहले ये कहा कि एमसीडी और डीडीए से बिना सहमति अनाधिकृत कॉलोनी में शराब की दुकानें नहीं खुलेंगी।
सिसोदिया ने कहा कि इस पूरे मामले का ब्यौरा सीबीआई को भेजेंगे, कुछ ताकतवर लोगों ने मिल कर राजस्व का नुकसान कराया है, इसकी जांच होनी चाहिए। उपराज्यपाल ने पॉलिसी में बदलाव खुद किया या किसी के दबाव में किया यह जांच के बाद ही साफ होगा।