फ्लैट पर कब्जे के लिए हत्या, बिल्डर वसीफ की हत्या मामले में भाई बहन व शॉर्प शूटर समेत 3 गिरफ्तार
नई दिल्ली : जामिया नगर थाना इलाके में बिल्डर वसीफ (40) की गोली मारकर हत्या (Builder Wasif Murder Case in Jamia Nagar) करने वाले दो शॉर्प-शूटर (Two Sharp Shooters Arrested) समेत तीन लोगों को क्राइम ब्रांच ने धर दबोचा है. इनकी पहचान मोहम्मद अजीम उर्फ सुल्तान अजीम (40), अरमान (18) और नाहिद अब्बासी (38) के तौर पर की गई है. पूछताछ में पता चला है कि मोहम्मद अजीम और अरमान अब्दुल नासीर गिरोह के शॉर्प-शूटर हैं. इनमें सुल्तान अजीम और नाहिद भाई बहन हैं.सीपी क्राइम राजेश देव के अनुसार 14 अगस्त को जामिया नगर इलाके में वासिफ की गोली मारकर हत्या की गई थी. इस वारदात में तीन अनजान लोग शामिल थे, जो फर्जी नंबर प्लेट लगी स्कूटी से आए थे. बाद में यह स्कूटी लावारिस खड़ी मिली, जांच में पता चला स्कूटी मधु विहार इलाके से चोरी हुई थी.इस केस की जांच 20 अगस्त को लोकल पुलिस से क्राइम ब्रांच में ट्रांसफर हो गई. सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगालने पर तफ्तीश केंद्रित करने के बाद इस वारदात में गैंगस्टर सुल्तान अजीम का हाथ होने का पता चला था, जो तीन चार महीने पहले ही जेल से छूटकर बाहर आया था. पहले ट्रैप लगाकर सुल्तान अजीम को सराय काले खां इलाके से दबोचा गया था. उससे की गई पूछताछ के बाद अरमान को सोमवार को गिरफ्तार किया गया. अजीम की निशानदेही पर एक कट्टा और एक चोरी की बाइक जब्त की. अजीम ने गैंगेस्टर चुन्नू पहलवान पर कड़कडड़ूमा कोर्ट के अंदर हमला किया था और अभी हाल में ही वह जेल से बाहर आया था.फ्लैट पर कब्जे के लिए हत्यापूछताछ में पता चला कि वसीफ जामिया नगर में बिल्डर थे. जोबा बाई एक्सटेंशन में एक फ्लैट अजीम की बहन नाहिद ने वसीफ से खरीदी थी. वसीफ ने दूसरे और तीसरे मंजील की जिम्मेदारी भी नाहिद को ही सौंप रखी थी. नाहिद दूसरे मंजिल पर कब्जा करना चाहती थी. इस कारण उसने अपने भाई से वसीफ को धमकियां भी दिलवाई थी, लेकिन जब वह नहीं माना तो उसकी हत्या की साजिश रच कर हत्या करवा दी.इसे भी पढ़ें : दिल्ली में दिनदहाड़े बिल्डर को मारी गोली, चश्मदीद ने बताई वारदातअरमान ने सहदाब के साथ मिलकर वसीफ पर गोलियां बरसाई थी. इन बदमाशों को आमीर नामक एक बदमाश ने पिस्तौल मुहैया करवाई थी. आरोपी मोहम्मद अजीम मूलरूप से अमरोहा यूपी निवासी है. वह हाई सैकेंडरी स्कूल तक पढ़ा है. पहले वह इंवर्टर मैकेनिक का काम करता था. बाद में अपराध करने लगा और साल 2015 में कड़कडड़ूमा कोर्ट में हुई दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल की हत्या में भी वह शामिल रहा है. एमएस पार्क थाने में दर्ज हुए इस केस में उसे दस साल की सजा सुनाई गई और तीन महीने के लिए वह जमानत पर जेल से बाहर आया था.