दिल्ली। पेरिस से अवैध रूप से दिल्ली एयरपोर्ट पर 45 विदेशी पिस्तौल लाने के मामले में गिरफ्तार मास्टरमाइंड मंजीत सिंह ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की पूछताछ में कई खुलासे किए हैं। सूत्रों का कहना है कि मंजीत ने सेल को बताया है कि वह विदेशी हथियारों के इस धंधे में 2014 से शामिल है। पिछले 8 सालों में वह अभी तक 3-4 हजार विदेशी पिस्तौल भारत ला चुका है। इससे पहले भी यह सोने की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार हो चुका है।
इतनी बड़ी तादाद में विदेशी पिस्तौलें विदेशों से अवैध रूप से भारत लाए जाने पर स्पेशल सेल के अधिकारी भी हैरान हैं। मंजीत के दावों की पुष्टि के लिए भी जांच की जा रही है। द्वारका सेक्टर-9 रेड लाइट के पास से पकड़े गए मंजीत ने यह भी बताया है कि इन पिस्तौलों को वह अधिकतर वक्त आईजीआई और मुंबई इंटरनैशनल एयरपोर्ट से ही बाहर निकालने में कामयाब रहा। ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि क्या इन हवाईअड्डों पर इसकी मदद एयरपोर्ट के ही अंदर के किसी कर्मचारी ने की? इससे पहले कस्टम अधिकारी इसे पकड़ने में कामयाब कैसे नहीं हो पाए?
सूत्रों के मुताबिक, मंजीत ने सेल को बताया कि पिस्तौलें वह तुर्की, जर्मनी, फ्रांस, ऑस्ट्रिया, वियतनाम और अन्य देशों से भारत लाता था। वहां से इसे प्रति पिस्तौल 3 से 12 हजार रुपये के बराबर में मिल जाती थी, जिसे वह भारत लाकर 50 से 80 हजार रुपये प्रति पिस्तौल बेचता था। उसने इन पिस्तौलों को न केवल दिल्ली और मुंबई में, बल्कि यूपी, हरियाणा, पंजाब और अन्य राज्यों में भी बेची। अधिकतर पिस्तौल बदमाशों, गन हाउसों को और अन्य लोगों को बेची गईं। अधिकतर वक्त इन पिस्तौलों को वह खुद लाता था। कुछ समय बाद उसने इस काम में अपने छोटे भाई जगजीत सिंह और उसकी पत्नी जसविंदर कौर को भी इसमें शामिल कर लिया।
आरोपी मंजीत पहले गोल्ड स्मगलिंग के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका था। इसलिए उसने कस्टम का ग्रीन चैनल पार करने के लिए खुद रिस्क ना लेकर अपने भाई और भाभी की मदद ली जिनके साथ इनकी दो साल की बेटी भी थी। ताकि अगर यह पकड़ा भी जाए तो इसके पासपोर्ट की जांच से कस्टम को यह पता ना लग सके कि यह पहले भी गिरफ्तार किया जा चुका है। ऐसे में इसे फिर से पकड़े जाने के चांस अधिक हो जाते। जह से इसने 10 जुलाई को पेरिस से आने के करीब 30 मिनट बाद जब इसके भाई और भाभी की फ्लाइट वियतनाम से दिल्ली आ गई, तब उन्हें 45 अवैध पिस्तौल से भरे दो ट्रॉली बैग उन्हें थमा दिए थे। फिर खुद टी-3 से हाथ हिलाता हुआ बाहर निकल गया था।