केजरीवाल को यह नही मालूम कि दिल्ली को कितनी बसों की जरुरत है: चौ0 अनिल कुमार
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नई दिल्ली। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि 8 वर्षों से दिल्ली की सत्ता पर बैठे अरविन्द केजरीवाल के पास दिल्ली परिवहन निगम बेड़े की मौजूदा बसों को अधिक कुशलता से उपयोग करने की कोई रणनीति है, जबकि ओवरऐज हो चुकी डीटीसी बसों के बाद मुख्यमंत्री को यह तक मालूम नही कि दिल्ली में सुगम परिवहन व्यवस्था के लिए कितनी बसों की जरुरत है। केजरीवाल सरकार ने डीटीसी को कर्ज में डूबो दिया है और एक भी बस बेडे़ में नही जोड़ी गई।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली में सुगम परिवहन व्यवस्था के लिए लगभग 11000 बसों की जरुरत है। चुनावी घोषणा पत्र में अरविन्द केजरीवाल ने 10 गारंटी कार्यक्रम में डीटीसी को मजबूत बनाने का वायदा किया था परंतु उन्होंने सभी परिवहन व्यवस्था के तरीकों को कैसे एकीकृत करना है इसकी कोई योजना नही बनाई है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल शायद भूल चुके है कि दिल्ली को कितनी बसों की जरुरत है इसलिए उन्हें अपने गारंटी पत्र की सुप्रीम कोर्ट के आदेश के जरिए दोबारा याद करवा रहा हूॅ, क्योंकि सत्येन्द्र जैन के बाद शायद केजरीवाल भी याददाश्त खो चुके है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल शासन में डीटीसी बेड़ा पूरी तरह ध्वस्त हो गया है और महिलाओं को फ्री यात्रा के लिए बसों का घंटों इंतजार करना पड़ता है।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली सरकार वर्ष दर वर्ष बसों को खरीदने का ऐलान करती रही है। दिल्ली सरकार द्वारा 1000 बसों को खरीदने की प्रक्रिया में 4288 करोड़ का घोटाला सामने आ चुका है जिसकी प्रदेश कांग्रेस द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद सीबीआई द्वारा जांच की अनुशंसा हो चुकी है। उन्होंने कहा कि प्रति बस की कीमत 85.5 लाख तय होने के बावजूद टेंडर रद्द करके 20 करोड़ के बढ़ोत्तरी के साथ 87.5 लाख में 1000 बसें खरीदना तय हुआ जबकि कम्पनियों द्वारा बसों की 3 वर्षों की मेंटेनेन्स की वांरटी में होने के बावजूद केजरीवाल सरकार ने 3413 करोड़ का मेंटेनेन्स टेंडर निकाला गया। उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नही जब सीबीआई जांच में 4288 करोड़ के भ्रष्टाचार के दोषी परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत भी जेल में होंगे।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल का डीटीसी रुट आवंटन के बारे में चर्चा करना चिंताजनक विषय है, क्योंकि परिवहन मंत्री के काम को मुख्यमंत्री द्वारा निभाना बड़े भ्रष्टाचार का सूचक है। उन्होंने कहा कि मुनाफे वाले रुट प्राईवेट बसों को सौंपने की योजना कहीं न कहीं निजी बस मालिकों के साथ सांठगांठ को उजागर करता है। उन्होंने कहा कि सरकार रुटों के निजीकरण के बहाने से डीटीसी बंद करके परिवहन व्यवस्था को पूरी तरह निजी हाथों में सौंपना चाहते है। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली 3 बार सत्ता पर आसीन होने के बावजूद अरविन्द केजरीवाल परिवहन व्यवस्था को दुरस्त करने के लिए जनता फीडबेक लेने की बात कह रहे है।