एससीओ सम्मेलन के वर्चुअल आयोजन पर भारत का स्पष्टीकरण, सभी कारकों को देखते हुए लिया फैसला
नई दिल्ली (आईएएनएस)| शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन चार जुलाई को वर्चुअल फॉर्मेट में आयोजित करने के भारत के फैसले पर अटकलों के बीच सरकार ने शुक्रवार को कहा कि यह घोषणा कभी भी नहीं की गई थी कि बैठक व्यक्तिगत रूप से आयोजित होगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, जैसा कि सभी जानते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में कई कार्यक्रमों का वर्चुअल आयोजन हुआ है। इसलिए सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए हमने निर्णय लिया कि एससीओ परिषद के राष्ट्राध्यक्षों का शिखर सम्मेलन 4 जुलाई को एक वर्चुअल फॉर्मेट में आयोजित किया जाएगा।
मंत्रालय द्वारा वार्षिक एससीओ शिखर सम्मेलन की 4 जुलाई को वर्चुअल फॉर्मेट में मेजबानी की घोषणा के कुछ ही दिन बाद यह बयान आया है।
पिछले साल सितंबर में एससीओ शिखर सम्मेलन का आयोजन समरकंद के उज्बेक शहर में इन-पर्सन आयोजन हुआ था जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन सहित समूह के सभी शीर्ष नेताओं ने भाग लिया था।
भारत ने समरकंद शिखर सम्मेलन में रोटेशन के आधार पर एससीओ की अध्यक्षता की थी।
मंत्रालय ने कहा है कि एससीओ के सभी सदस्य देशों- चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान को वर्चुअल शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है।
इस बीच, भारत सितंबर में नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा, जहां वह समूह के अन्य नेताओं के अलावा राष्ट्रपति शी और पुतिन को आमंत्रित करने की योजना बना रहा है।
--आईएएनएस