18 माह में हटा देंगे कूड़े के पहाड़, कीचड़ में पैदल चल पड़े एलजी सक्सेना
नई दिल्ली. दिल्ली में कूड़े के पहाड़ों को खत्म करने की कवायद और तेज हो गई है. दिल्ली नगर निगम (MCD) की ओर से लैंडफिल साइट के कूड़े के निस्तारण का काम तेजी से किया जा रहा है. इन कार्यों पर दिल्ली के उप-राज्यपाल वीके सक्सेना (VK Saxena) पूरी नजर बनाए हुए हैं. इसी कड़ी में आज एलजी सक्सेना गाजीपुर लैंडफिल साइट (Ghazipur Landfill Site) का औचक निरीक्षण करने पहुंचे. इतना ही नहीं, एलजी सक्सेना अपनी बीएमडब्लू कार की सवारी को छोड़ कीचड़ में ही पैदल चलने में पीछे नहीं रहे.
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कचरे के पहाड़ और हालिया बारिश के बाद कीचड़ और फिसलन वाली ढलानों पर पैदल ही चढ़ते हुये उप-राज्यपाल ने कचरे के निस्तारण कार्यों का जायजा लिया. बताते चलें कि स्वयं को शहर का 'स्थानीय अभिभावक' बताते हुये उप-राज्यपाल ने गत 29 मई, 2022 को लैंडफिल साइट का दौरा किया था और राजधानी को 18 महीने की निश्चित समय-सीमा के भीतर इन कूड़े के पहाड़ों से छुटकारा दिलाने का संकल्प लिया था. उन्होंने दिल्ली नगर निगम को रिफ्यूज डिराइव्ड फ्यूल (आरडीएफ), कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिशन (सीएंडडी) और इनर्ट वेस्ट को तुरंत निपटाने की दिशा में कार्य शुरू करने और उसमें तेजी लाने के निर्देश दिये थे.
एलजी सक्सेना ने औचक निरीक्षण के क्रम में अपनी आधिकारिक बी.एम.डब्ल्यू (BMW) कार को छोड़ किसी अधिकारी की इनोवा और तत्पश्चात दिल्ली पुलिस की जिप्सी पर फिसलन भरी ढलान पर जाने की कोशिश की. जब वाहन का ऊपर जाना नामुमकिन हो गया था तब उप-राज्यपाल, अधिकारियों के साथ कीचड़ में पैदल चलकर लैंडफिल साइट पर ऊपर की ओर गए और वहां स्थापित 10 नई ट्रामल मशीनों के कार्य का निरीक्षण किया.
निरीक्षण के दौरान उनके साथ दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार, एमसीडी के विशेष अधिकारी अश्वनी कुमार, कमिश्नर एमसीडी ज्ञानेश भारती आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे.
इन ट्रामल मशीनों को उप-राज्यपाल के मई माह में किये गए उनके लैंडफिल साइट के दौरे के बाद और उनके दिशानिर्देशों के अनुरूप पुरानी मशीनों को हटा कर स्थापित किया गया है. बता दें कि ये मशीनें प्रतिदिन 10,000 मीट्रिक टन कचरा संसाधित कर रही हैं.
उप-राज्यपाल सक्सेना ने तीनों लैंडफिल साइटों पर चल रहे कार्यों पर संतोष व्यक्त किया, जिसमें जून महीने के दौरान 4.3 लाख मीट्रिक टन कचरा हटाया गया था और जुलाई माह के लिए बारिश के कारण 3.6 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य रखा गया है. भारत की राजधानी को इन कूड़े के पहाड़ों से 18 महीने की समय सीमा के भीतर छुटकारा दिलाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए एलजी ने आशा व्यक्त की कि गाजीपुर, भलस्वा और ओखला में कचरे के सभी तीनों पहाड़ों को अगले 16 माह के दौरान पूरी तरह से हटा दिया जाएगा.