तिरंगा और राष्ट्रवाद पर देश की सभी पार्टियों में होड़

देश में ऐसा माहौल तैयार हो गया है कि कोई भी पार्टी के तिरंगा और राष्ट्रवाद के नाम पर पीछे नही रहना चाहती है

Update: 2022-08-13 15:22 GMT
नई दिल्ली : देश में ऐसा माहौल तैयार हो गया है कि कोई भी पार्टी के तिरंगा और राष्ट्रवाद के नाम पर पीछे नही रहना चाहती है. यदि दूसरे शब्दों में कहा जाए तो भारतीय जनता पार्टी ने सभी राजनीतिक पार्टियों को बाध्य कर दिया है कि स्वतंत्रता और तिरंगा के नाम पर सभी अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन करें. आजादी के 75वें साल में अमृत महोत्सव के तहत बीजेपी ने सालभर से तिरंगा यात्रा और इतने अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया है कि बाकी पार्टियों को मजबूरन कार्यक्रम तैयार करने पड़े हैं. यहां तक कि तिरंगा बनाम तिरंगा की 'लड़ाई' भी कई राज्यों में खुलकर सामने आ गई है.
मुफ्त तिरंगा बांटने की होड़ : दिल्ली, पंजाब जैसे राज्य जहां गैर बीजेपी सरकार है वहां तिरंगा के वितरण और यात्रा को लेकर भी प्रतिद्वंदिता शुरू हो गई है. दिल्ली में तो हालात ये हैं की प्रदेश बीजेपी ने बड़ी संख्या में तिरंगों का विशेष निर्माण करवाया है. प्रति तिरंगा पर 27 रुपए के हिसाब से खर्च आ रहा है, लेकिन दिल्ली बीजेपी उसे मात्र 10 रुपए में आम आदमी को मुहैया करवा रही है. यही नहीं नेताओं में ऐसी होड़ लगी है कि वितरण को लेकर नेता खुद बड़ी संख्या में तिरंगे खरीद रहे हैं. वह अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में, आम जगहों पर तिरंगे वितरित कर रहे हैं. लोगों को मुफ्त में तिरंगा मिल रहा है. ऐसे में भला दिल्ली की सत्ताधारी पार्टी राष्ट्रवाद में पीछे कैसे रह जाती,उन्होंने भी स्कूलों में तिरंगा बंटवाना शुरू कर दिया. स्वतंत्रता दिवस पर भी बड़े कार्यक्रम का आयोजन करने की तैयारी भी कर ली है.
इसी तरह तिरंगा और स्वतंत्रता दिवस पर कार्यक्रमों की होड़ इस साल पंजाब में भी देखने को मिल रही है. पंजाब कांग्रेस ने तो गुरुद्वारा अम्ब सिंह साहिब से लगभग 12 किलोमीटर लंबी तिरंगा यात्रा निकाली. यहां तक कि इस मौके पर कांग्रेस ने यह तक आरोप लगा दिया की तिरंगा यात्रा पर मात्र बीजेपी का एकाधिकार नहीं है. कुल मिलाकर राष्ट्रवाद के इस पर्व को बीजेपी ने ऐसी होड़ में लाकर खड़ा कर दिया जिसमे कोई भी राष्ट्रवाद के नाम पर पीछे नहीं रहना चाहता.
युवाओं के लिए बन रहा अच्छा माहौल : शुरुआत में जब विपक्षी पार्टियों ने संस्कृति मंत्रालय के बाइक रैली कार्यक्रम का बहिष्कार किया तब इन नेताओं की काफी किरकिरी हुई थी, लिहाजा विपक्ष ने ये निर्णय लिया कि वो आजादी से संबंधित कार्यक्रमों का बहिष्कार नहीं करेंगे. अब हालात ये हैं कि तिरंगा और राष्ट्रवाद के नाम पर सभी पार्टियां माहौल बनाने में जुट गईं हैं. इसपर राजनीति भी जमकर हो रही है लेकिन कहीं ना कहीं राष्ट्रभक्ति की ये होड़ देश के लिए और युवाओं के लिए एक अच्छा माहौल तैयार कर रही है.
शुरुआती दौर में जम्मू कश्मीर की दोनों मुख्य पार्टियों के नेताओं उमर अब्दुल्लाह और महबूबा मुफ्ती ने तिरंगा यात्रा को बीजेपी की दबाव की राजनीति करार दिया था, अब उन्होंने भी चुप्पी साध ली है. देश में तिरंगा यात्रा पर तैयार हुए माहौल के खिलाफ अब कोई भी पार्टी विरोध में बोलने की हिम्मत नहीं कर पा रही है. चाहे समाजवादी पार्टी हो या फिर टीएमसी सभी बढ़ चढ़कर राष्ट्रवाद के नाम पर समर्थन करते नजर आ रहे हैं.
'जनता का रुख देखते हुए पार्टियों को समर्थन में आना पड़ा' : इस मुद्दे पर बात करते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सर्वप्रथम राष्ट्र को रखती है. पहले राष्ट्र फिर संकल्प और तब पार्टी और यही वजह है कि तिरंगा को लेकर जिन लोगों ने भी विरोध किया जनता का समर्थन देखते हुए उन्हें इसके समर्थन में आना पड़ा. उन्होंने कहा कि देश भक्ति के नाम पर देर से ही सही मगर यदि लोग इस पर एकमत हो रहे हैं, इकट्ठे हो रहे हैं तो यह देश के लिए एक अच्छी बात है. वह लोग जो कश्मीर में अनुच्छेद 370 के संशोधन के बाद यह आरोप लगा रहे थे कि कश्मीर घाटी में अराजकता फैल जाएगी वह यह बात देख कर आज हतप्रभ हैं कि कश्मीर में जुम्मे की नमाज के बाद जिस तरह से तिरंगा यात्रा का पर्व पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. वह एक अद्भुत दृश्य था. इसी वजह से जनता के समर्थन को देखते हुए अब वह भी राष्ट्रवाद और तिरंगा यात्रा का समर्थन दे रहे हैं.
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि तिरंगे को वैश्विक गौरव प्रदान करने का जो लक्ष्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरू किया है उसका जो विरोध कर रहे थे वह आज तिरंगे के सम्मान में खड़े हो रहे हैं और यह बड़ी बात है. जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तिरंगे को वैश्विक गौरव का सम्मान दिलाने के लिए बीड़ा उठाया शुरुआत में तो इसका विरोध हुआ लेकिन वह पार्टियां अपने आप समर्थन में आ चुकी है. यह भारत के लिए अच्छी बात है. उन्होंने कहा कि भले ही शुरुआती विरोध रहा हो लेकिन राष्ट्रवाद के नाम पर यदि सभी पार्टिया एक प्लेटफार्म पर आ रही हैं तो यह भारत के लिए एक अच्छी छवि तैयार करता है.

सोर्स- etv bharat hindi

Similar News

-->