नई दिल्ली (आईएएनएस)| भारत निर्वाचन आयोग ने बुधवार को कर्नाटक विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की। चुनाव वाले इस राज्य में शहरी उदासीनता और धन बल दो प्रमुख चुनौतियां हैं। 244 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा के लिए 10 मई को मतदान होगा, जबकि मतगणना 13 मई को होगी।
चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने कहा कि शहरी उदासीनता और धन बल चुनाव वाले दक्षिणी राज्य में दो प्रमुख चुनौतियां हैं।
शहरी उदासीनता के बारे में बात करते हुए सीईसी ने कहा कि पिछले चुनावों में कुछ शहरी क्षेत्रों में मतदान राज्य के औसत से कम रहा है।
कुमार ने इस बात पर प्रकाश डाला कि 2013 और 2018 के राज्य चुनावों में बेंगलुरु क्षेत्र - बीबीएमपी (दक्षिण), बीबीएमपी (उत्तर), बीबीएमपी (मध्य) और बैंगलोर शहरी में सबसे कम मतदान दर्ज किया गया था। भारत के आईटी हब के इन चार जिलों में राज्य के औसत से बहुत कम मतदान दर्ज किया गया था।
उन्होंने 2019 के आम चुनावों और हाल ही में गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों में शहरी क्षेत्रों में कम मतदान का भी उल्लेख किया। सीईसी ने स्कूलों और कॉलेजों में चुनावी साक्षरता क्लबों और संगठनों और निवासी कल्याण संघों (आरडब्ल्यूए) में मतदाता जागरूकता मंचों के माध्यम से जागरूकता पैदा करने के लिए केंद्रित हस्तक्षेपों की जरूरत बताई।
इसे ध्यान में रखते हुए कर्नाटक चुनाव में मतदान बुधवार (10 मई) को निर्धारित किया गया है, न कि सोमवार या शुक्रवार को, क्योंकि शहरी आबादी के हिस्से इन दिनों को अपने विस्तारित सप्ताहांत के रूप में उपयोग करते हैं। इसके अलावा, आईटी कॉरिडोर और ज्ञान उद्योग में पेशेवरों को शामिल करने के उपायों के तौर पर हैकथॉन जैसा एक कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई गई है।
सीईसी ने सूचित किया कि धन बल के दुरुपयोग को रोकने के लिए ईसीआई ने पर्याप्त व्यवस्था की है और कई एजेंसियां आबकारी विभाग, पुलिस और वाणिज्यिक कर विभाग सहित अन्य के साथ मिलकर काम करेंगी।
उन्होंने कहा, "हम चुनावों में धन बल के इस्तेमाल पर अंकुश लगाने के लिए कर्नाटक में अपनी टीम को मजबूत कर रहे हैं। 19 जिलों (अन्य राज्यों के साथ सीमा साझा करने वाले) में 171 अंतर्राज्यीय चेकपोस्टों पर कड़ी निगरानी रखने के लिए 2,400 स्थैतिक निगरानी दल होंगे।"
पोल पैनल के अनुसार, रिश्वतखोरी पर कड़ी निगरानी होगी। अनिर्धारित और चार्टर्ड उड़ानों पर निगरानी रखने के लिए एयर इंटेलिजेंस को तैनात किया जाएगा। खुफिया इकाइयां सहकारी बैंकों और पेमेंट वॉलेट्स में ब्लाइंड स्पॉट्स में संदिग्ध लेनदेन की निगरानी भी करेंगी।
प्रत्याशियों के निर्वाचन व्यय की प्रभावी निगरानी के उद्देश्य से व्यापक निर्देश जारी किए गए हैं, जिसमें व्यय प्रेक्षकों, सहायक व्यय प्रेक्षकों की तैनाती, उड़नदस्ते का गठन, स्थैतिक निगरानी दलों, वीडियो निगरानी दलों, वीडियो देखने वाली टीमों, लेखा टीमों, मीडिया प्रमाणन और निगरानी समिति आदि।
--आईएएनएस