उनसे कभी गिला नही
रायपुर। मोखला निवासी जनता से रिश्ता के पाठक रोशन साहू ने कविता ई मेल किया है. एक तेरे नही होने से,जीवन जैसा कुछ भी नही। बस पता इतना कि ,कुछ भी मुझे हासिल नही।। मन में शरारत क्यों इतना, जाने कितना-कितना। बाकी है बचपन या इश्क मुक्कमल हुआ नही।। मन मार-मार मैं हारा,बीती उम्र कभी …
रायपुर। मोखला निवासी जनता से रिश्ता के पाठक रोशन साहू ने कविता ई मेल किया है.
एक तेरे नही होने से,जीवन जैसा कुछ भी नही।
बस पता इतना कि ,कुछ भी मुझे हासिल नही।।
मन में शरारत क्यों इतना, जाने कितना-कितना।
बाकी है बचपन या इश्क मुक्कमल हुआ नही।।
मन मार-मार मैं हारा,बीती उम्र कभी मरा नही।
साँसे आती-जाती रही ,एक पल भी जीया नही।।
रहे खुमारी जीवन भर भूल जाए वो इश्क कैसा।
दूर नजर से हुए सजन,ये मन बैरागी हुआ नही।।
पिला-पिला साकी भी हारा,होंठ कभी थका नही।
उन बातों की सजा मिली,जो शरारत किया नही।
अब चाह न जाती जीने की,जब मेरी परवाह उसे।
खुद से शिकायत सदा रही,उनसे तो गिला नही।।