न्यूनतम मजदूरी, श्रम दर में वृद्धि की मांग

रायपुर। दैनिक श्रमिक मोर्चा के द्वारा श्रम आयुक्त सहित समस्त छ. ग. राज्य के मंत्रिमंडल एवं पीएमओ में पत्र लिखकर, पुनर्विलोकन श्रम दर जो कि 5 साल में अधिनियम 1948, की धारा 3 (१) (ख) के अनुसार राज्य सरकार को जारी करना वैधानिक रूप से अनिवार्य होता है, इस सबंन्ध मे ज्ञापन पत्र सौंपा गया …

Update: 2024-01-29 22:19 GMT

रायपुर। दैनिक श्रमिक मोर्चा के द्वारा श्रम आयुक्त सहित समस्त छ. ग. राज्य के मंत्रिमंडल एवं पीएमओ में पत्र लिखकर, पुनर्विलोकन श्रम दर जो कि 5 साल में अधिनियम 1948, की धारा 3 (१) (ख) के अनुसार राज्य सरकार को जारी करना वैधानिक रूप से अनिवार्य होता है, इस सबंन्ध मे ज्ञापन पत्र सौंपा गया एवं प्रेषित किया गया।

ज्ञात हो कि 2017 में 5 वर्ष पूर्व अंतिम बार इस श्रम दर (न्यूनतम मजदूरी) में पुनर्विलोकन किया गया था। तत्कालीन भाजपा सरकार द्वारा, श्रमिक दर में हर 6 माह में परिवर्तन शील महंगाई भत्ता में वृद्धि नियमानुसार की जाती है इसके इतर श्रम दर (न्यूनतम मजदूरी) में पुनर्विलोकन प्रत्येक 5 वर्ष में करने का वैधानिक नियम है,यह मांग पत्र ज्ञापन इसी सबंन्ध में है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य में 2017 का ही पुनर्विलोकन श्रम दर लागू (न्यूनतम मजदूरी) लागू है। इसे संशोधित करने की नितांत आवश्यकता है। दैनिक श्रमिक मोर्चा के 36 हजार ऐसे श्रमिक कर्मचारी जो शासकीय विभागो में बिना नियुक्ति पत्र के रखे गए है। श्रम दर का वेतन अनुसूची "ग" के अनुसार संबंधित विभाग से सीधे खाते में प्राप्त करते हैं। इन्हे दैनिक मासिक श्रमिक भी संबोधित किया जाता है, ज्ञापन इन्ही के हित में दिया गया है।

इसे आगामी 1 मार्च 2024 से लागू करने का अनुरोध किया गया है। दैनिक श्रमिक मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता सत्यम शुक्ला ने बताया कि प्रांत प्रमुख अजय त्रिपाठी, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष पंकज पांडे, प्रदेश उपाध्यक्ष दिव्या सिंह ठाकुर, प्रदेश महासचिव आकाश दीप राठौर, जिला अध्यक्ष संजय चंद्रा, कुलदीप जी ज्ञापन देने के अवसर पर उपस्थित रहे।

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