मोहला: छत्तीसगढ़ शासन का हमेशा से महिला सशक्तिकरण को लेकर ध्येय स्पष्ट रहा है कैसे महिलाओं को आर्थिक लाभ से जोड़कर उन्हें समर्थ बनाया जाए। राज्य शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना से गौठानों में महिलाओं को स्थानीय स्तर पर स्वयं का रोजगार मिला है। गौठानों पर मल्टीएक्टीविटी सेन्टर स्थापित कर महिलाओं को आजीविका से जोड़ा गया, जिससे महिलाएं आर्थिक रूप से सक्षम हो रही हैं। जिले के अंबागढ़ चौकी विकासखंड मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर महाराष्ट्र सीमा से लगे वनांचल ग्राम पेंदलकुही की जय माँ पार्वती स्वसहायता समूह की महिलाएं अत्यंत गरीब परिवार से हैं। स्वसहायता समूह की महिलाएं पेंदलकुही गौठान में जैविक वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन कर अब तक कुल 3 लाख 50 रूपए का लाभांश प्राप्त कर चुकी है। समूह की महिलाएं बताती है कि गौठान में शासन द्वारा अच्छी जगह दी गई है, जिसका उपयोग कर वे भविष्य में दोना-पत्तल, निरमा एवं अन्य निर्माण कार्य प्रारंभ करने की कार्ययोजना बना रही हैं। ताकि घर पर रहकर अच्छा मुनाफा हो सके और अपनी जरूरतों को पूरी कर सके। अपने इस काम से जय माँ पार्वती स्वसहायता समूह की महिलाएं बहुत खुश हैं।
छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान योजना से जय माँ पार्वती स्वसहायता समूह घर से बाहर निकल कर महिला सशक्तिकारण की ओर कदम बढ़ा रही है। समूह की महिलाओं ने बताया कि राज्य शासन की गोधन न्याय योजना से जुड़कर जैविक खाद बनाने के बारे सुनकर थोडा दुविधा में थी कि इस कार्य को कैसे करें। क्योंकि घर का काम काज छोड़कर बाहर का काम या नौकरी करना एक सपने जैसा था, लेकिन गौठान में गोबर से जैविक केचुआ खाद निर्माण के लिए विभागीय अधिकारियों के समन्वय एवं प्रशिक्षण से जैविक केचुआ खाद निर्माण का कार्य सीखा। अब वे लगातार केचुआ खाद एवं केचुआ का उत्पादन कर रही हैं। उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट को सोसायटियों एवं किसानों को विक्रय कर प्राप्त आय से वे अपने घरेलू खर्च एवं अपनी जरूरतों को पूरा कर रहे हैं। जिससे उन्हें स्थानीय स्तर पर रोजगार मिला है और इस कार्य से बहुत खुश है। जिसके लिए समूह की महिलाएं मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को धन्यवाद दे रही है।