जिले में 12 करोड़ 82 लाख 88 हजार रूपये की लागत के 99 अमृत सरोवर निर्माण से ग्रामीणों को मिला फायदा
धमतरी: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनांतर्गत जल संरक्षण की दिशा में चलाई जा रही अमृत सरोवर योजना से ग्रामीणों को बेहतर प्रतिसाद मिल रहा है। भूजल संरक्षण के साथ बरसाती पानी को सतह पर तालाबों में सरंक्षित करने के लिए अमृत सरोवर जैसी योजना की शुरूआत की गई है। सही मायने में देखा जाये तो भूजल संरक्षण की दिशा में अमृत सरोवर योजना वरदान साबित हो रही है। कलेक्टर श्री ऋतुराज रघुवंशी के निर्देशानुसार तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रीमती रोक्तिमा यादव के मार्गदर्शन में जनभागीदारी के तहत पुराने तालाबों का जीर्णोद्धार के साथ गाद की साफ-सफाई, पीचिंग निर्माण कर क्षमता अनुरूप जल का संग्रहण किया जा रहा है। अमृत सरोवर तट के किनारे नीम, बरगद, पीपल एवं फलदार पौधों का रोपण होने से हरियाली एवं पर्यावरण की दृष्टि से स्वच्छ वातावरण निर्मित हो रहा है। जगमगाती रोशनी से ग्रामीणों को पर्यटन का भी लाभ मिल रहा है।
जिले के कुरूद विकासखंड के ग्राम पंचायत गातापार (अ) में वित्तीय वर्ष 2022-23 में 9.98 लाख रूपये की लागत से 1.5 एकड़ क्षेत्र में डॉ. अम्बेडकर तालाब गहरीकरण कार्य किया गया। मनरेगा श्रमिकों ने 2941 मानव दिवस अर्जित कर आर्थिक रूप से सशक्त हुए। लगभग 25 साल पुरानी तालाब को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत डॉ. अम्बेडकर तालाब गहरीकरण कार्य कर अमृत सरोवर का साकार रूप दिया गया। तालाब से निकाली गई मिट्टी का उपयोग धरसा सड़क निर्माण के लिए किया गया है, जो ग्रामीणों के लिए आवागमन के बेहतर साधन उपलब्ध हो रहे हैं। आदिवासी मछुआ समिति के 26 सदस्य मछली पालन कर स्वावलंबन की दिशा में निरंतर अग्रसर हो रहे हैं।
इस संबंध में जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती रोक्तिमा यादव ने बताया कि जिले में वित्तीय वर्ष 2022-23 में राशि 12 करोड़ 82 लाख 88 हजार रूपये की लागत से 99 अमृत सरोवर का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है। इस योजना से पंचायत, ग्रामीणजन एवं समूह की महिलाएं विभिन्न आयामों से आय का सृजन कर सकेंगे। नये तालाबों का निर्माण होने तथा पुराने तालाबों का जीर्णोद्धार होने से ग्रामीणों को निस्तारी एवं जल की समस्या से राहत मिल रहा है। भीषण गर्मी में भूजल स्तर को बनाये रखने में अमृत सरोवर की महत्ता दिनोदिन प्रतिपादित हो रही है। वहीं तालाबों में संग्रहित जल राशि का उपयोग ग्रामीण कृषक भी सिंचाई के लिए कर सकेंगे। इसके अतिरिक्त पशुपालन के लिए पशुपालक जल का उपयोग कर रहे हैं। मवेशियों एवं पक्षियों को भी पीने के लिए पर्याप्त मात्रा में जल उपलब्ध हो रहा है। तालाबों का कायाकल्प होने से आकर्षक पेंटिंग के माध्यम से सौंदर्यीकरण को भी बढ़ावा मिल रहा है। समूह से जुड़ी महिलाएं मछली पालन कर स्वरोजगार के प्रति आत्मनिर्भरता की कहानी गढ़ रहे हैं।
श्रीमती यादव ने यह भी बताया कि प्रत्येक अमृत सरोवर निर्माण में 10 हजार घनमीटर पानी आवक की क्षमता को ध्यान रखते हुए किया गया है। इनलेट और आउटलेट का विशेष ध्यान रखा गया है जिससे पूरे साल भर तालाब में पानी भरा रहे। अमृत सरोवर के माध्यम से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनांतर्गत श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराया गया। बेरोजगारों को भी रोजगार देकर आर्थिक रूप से सशक्त किया गया। अमृत सरोवर का निर्माण अमृतकाल के नई संकल्पों में नई ऊर्जा का संचार कर रही है।
ग्राम पंचायत सरपंच श्री नारद राम साहू ने बताया कि अमृत सरोवर निर्माण में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना की महती भूमिका रही है। श्रमिकों को काम का वाजिब दाम मिला। तालाब से निकाली गई मिट्टी का उपयोग ग्रामीणों के आवागमन विस्तार के लिए किया गया। आदिवासी मछुआ समिति के सदस्यों को मछली पालन कर आत्मनिर्भरता के लिए लीज पर दी गई है। निश्चित ही आगत भविष्य में आमदनी अर्जित कर मछुआ समिति की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ हो सकेगी।