रायपुर: यह एक महिला समूह की उनकी मेहनत और संघर्ष की कहानी है। महासमुंद विकासखंड के ग्रामीण अंचल की महिलाएं स्वसहायता समूह से जुड़कर सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान की मिसाल कायम कर रही है। बिहान योजना से जुड़ी महिलायें विभिन्न आजीविका को अपने रोजगार का साधन बना रही है। ग्राम पंचायत शेर की सुआ महिला स्वसहायता समूह की महिलायें तार जाली का निर्माण कर खेत-खलिहानों व बागड़ काम में आने वाली विभिन्न प्रकार की लोहे के तार की जाली का निर्माण कर रही। बिहान योजना से जुड़ी महिलायें विभिन्न आजीविका को अपने रोजगार का साधन बना रही है।
इस समूह के द्वारा अब तक 2000 बंडल तार जाली का निर्माण कर लिया गया है, जिसको सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं में विक्रय कर लगभग 6 लाख रूपए की आय प्राप्त कर चुकी है। समूह की अध्यक्ष श्रीमती दिव्या नायक बताती है कि समूह में जुड़ने से पहले किसी दूसरे के यहां तार जाली बनाने का कार्य करने जाती थी। तक़रीबन दो साल पहले बिहान अंतर्गत समूह से जुड़ने हेतु प्रेरित किया गया और समूह से जुड़ कर महिलाएं कैसे आत्मनिर्भर बन सकती है कैसे खुद का स्वयं व्यवसाय कर सकती है इन सबकी जानकारी मिली। हम सब 11 महिलाएं मिलकर, सुआ महिला स्वसहायता समूह का गठन किया। गठन उपरांत समूह को आरएफ की राशि 15000 रूपये अनुदान के रूप में प्रदाय किया गया साथ ही 2 लाख का ऋण भी समूह को प्रदाय किया गया। अन्य के यहां से तारजाली कार्य सीखने के बाद स्वयं का तार जाली बनाने का काम शुरू किया। प्राप्त ऋण से मशीन और संबंधित सामग्री खरीदी और उत्पादन करना शुरू किया। बिहान योजना से मिले सहयोग की वजह से आज हम सब बहने आत्मनिर्भर बने है।
गौरतलब है कि स्व सहायता समूह की महिलाएं अक्सर सामुदायिक आर्थिक विकास के लिए साथ मिलकर काम करती हैं। समूह के माध्यम से महिलाएं संयुक्त रूप से धन जुटा सकती हैं, लोन ले सकती हैं, और व्यापारिक क्रियाओं में शामिल हो सकती हैं। इसके अलावा, इन समूहों में महिलाएं आपस में ज्ञान और अनुभव साझा कर सकती हैं, जिससे उनका विकास होता है और उन्हें सामाजिक समरसता की दिशा में भी मदद मिलती है। ये महिलाएं विभिन्न काम करके अपने परिवारों को पालने और अपने जीवनस्तर में सुधार करने का संघर्ष कर अपनी क़िस्मत बदल रही है और समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इस तरह के महिला समूहों की साहस, संघर्ष, और सफलता को प्रकट करती हैं, और अन्य महिलाओं को समृद्धि की ओर बढ़ने में मदद करती हैं। इन समूहों में महिलाएं साथियों के साथ आर्थिक संगठन और विकास के लिए आगे आ रही है।