प्राथमिकता वाली योजनाओं की समीक्षाः मुख्य सचिव ने की राजस्व आपदा प्रबंधन विभाग की समीक्षा
रायपुर: मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने मंत्रालय महानदी भवन में राज्य शासन की प्राथमिकता वाली योजनाओं के क्रम में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के कार्यो की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत राज्य के सभी जिलों में पात्र हितग्राहियों को लाभांवित करने के लिए जरूरी निर्देश राजस्व विभाग के अधिकारियों को दिये है। योजना के तहत हितग्राहियों को अब तक 516 करोड़ रूपये से अधिक की राशि हस्तांरित कर दी गई है। योजना में वर्तमान में चार लाख 99 हजार 756 हितग्राही है। यह योजना एक अपै्रल 2023 से राज्य की सभी नगर पंचायतों में भी लागू कर दी गई है। नगर पंचायतों से अब तक 7377 हितग्राहियों के आवेदन आ चुके है। नगर पंचायतों में प्रति-दिन हजारो की संख्या में आवेदन प्राप्त हो रहे है। मुख्य सचिव ने सभी नये हितग्राहियों को पात्रानुसार राजीव गांधी भूमिहीन कृषि न्याय योजना के तहत लाभांवित करने के निर्देश राजस्व विभाग के अधिकारियों को दिये है। मुख्य सचिव ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को सभी राजस्व प्र्रकरणों को समय-सीमा मे निराकरण करने कहा है। बैठक में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू मौजूद थे।
मुख्य सचिव ने राजस्व विभाग की समीक्षा के दौरान विभागीय अधिकारियों को नजूल पटटों की भूमि को फ्री होल्ड करने के लिए विशेष प्रयास करने कहा है। उन्होंने कहा है कि सभी शहरों में नजूल पटटाधारियों को भूमि फ्री होल्ड करने के लिए उन्हें आवश्यक जानकारी दी जाये। बैठक में शहरी स्लम पटटों के नियमितीकरण, नवीनीकरण, नवीन स्लम पटटों के वितरण करने और 7500 वर्ग फुट तक की शासकीय भूमि के आबंटन एवं नियमितीकरण के तहत की गई कार्यवाही की विस्तृत जानकारी राजस्व विभाग के अधिकारियों से ली गई। राजस्व प्रकरणों में अभिवादित नामांतरण, बटवारा, खाता विभाजन सहित अन्य राजस्व प्रकरण को समय-सीमा में निराकृत करने कहा है, यदि कोई प्रकरण समय-सीमा में निराकृत नही हुआ है तो उसका कारण अंकित किया जाये। मुख्य सचिव ने सभी जिलों कलेक्टरों को राजस्व प्रकरणों के निराकरण की लगातार मॉनीटरिंग करने कहा है। इसी तरह से राजस्व प्राप्तियां के तहत सरकारी राजस्व में वृद्धि के लिए निर्धारित राजस्व वसूली के लिए विशेष प्रयास करने अधिकारियों से कहा गया है। बैठक में राजस्व विभाग के सचिव श्री एन.एन एक्का, संचालक भू-अभिलेख श्री रमेश शर्मा सहित राजस्व विभाग और उद्योग विभाग के अधिकारी मौजूद थे।