रायपुर: छत्तीसगढ़ शासन राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की परिकल्पना को कर रहा है साकार बालोद जिले के जनपद पंचायत डौण्डी के ग्रामीण औघोगिक पार्क अरमुरकसा में महिलाएं वृहद पैमाने पर मिलेट चिक्की का बनाने का कार्य कर रही है। जहां गांव की महिलाओं को उनके घर के नजदीक ही काम मिलने से खुश हैं। 13 महिलाएं एक दूसरे से सम्पर्क करके रोजगार से निरंतर जोड़ने का सार्थक कार्य भी कर रही है। महिलाओं को काम मिलने से अपने रूचि के अनुसार कार्य कर रही है। साथ ही परिवार को आर्थिक सहायता भी करने लगी है।
बलोद जिले के जनपद पंचायत डौण्डी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि अरमुरकसा रीपा में मिलेट चिक्की उत्पादन इकाई स्थापित होने से गांव की महिलाओं को काम मिल गया है। ग्रामीण औघोगिक पार्क में कुल 41 लाख 574 रूपए का 23.89 टन चिक्की का उत्पादन हुआ है। महिलाओं ने 30 लाख 87 हजार 892 रूपए चिक्की विक्रय कर चुकी हैं चिक्की बनाने वाली महिलाओं को 53 हजार रुपए का शुद्ध लाभ मिल चुका है। महिलाओं इस कार्य को निरंतर कर रही है। चिक्की बनाने वाली समूह की महिला श्रीमती सुनीता निर्मलकर ने बताया कि 17 जुलाई 2023 से अरमुरकसा में मिलेट चिक्की इकाई शुरू किया गया जिला प्रशासन ने महिला समूहों को चिक्की बनाने के लिए प्रशिक्षण भी दिया गया है। जिसमें सभी महिलाएं अब मिलेट चिक्की निर्माण कार्य में पूरी तरह से दक्ष हो गई है। उन्होंने बताया कि इस कार्य के साथ समूह की महिलाएं अन्य गतिविधियों से भी जुड़ी हुई है। जिससे महिलाओं को अच्छी खासी आमदनी प्राप्त हो रही है। चिक्की पोषक तत्वों से भरपूर है नन्हें मुन्ने बच्चों एवं शिशुवती माताएं इन्हें बहुत पसंद करती हैं और बड़े चाव से खाती है। चिक्की कुपोषण को दूर करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।