’महिला स्व-सहायता समूह की सदस्य आर्थिक दृष्टिकोण से हो रहीं सशक्त’

Update: 2023-06-27 02:30 GMT
खैरागढ़: छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना ग्रामीणों एवं महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण योजना साबित हो रही है। धरातल पर इस योजना का सफल क्रियान्वयन होने से यह योजना हर दृष्टि से उपयोगी एवं लाभकारी साबित हो रही है।
जहां गौठानों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सकारात्मक बदलाव आ रहा है वहीं स्व सहायता समूह की महिलाएं आर्थिक दृष्टिकोण से भी सशक्त हो रही हैं.
ऐसा ही एक उदाहरण खैरागढ़ जिला अंतर्गत विकासखंड छुईखदान के ग्राम पत्थर्रा मे सिद्धि स्व सहायता समूह की महिलाओं में दिखाई दे रहा है , स्व सहायता समूह की महिलाएं गोबर खरीदी एवं वर्मी कम्पोस्ट निर्माण कर उनके बिक्री से होने वाले लाभ के फलस्वरूप बहुत कम समय में ही आर्थिक रूप से सशक्त एवं आत्मनिर्भर बन रही हैं।
ग्राम पथर्रा मे सिद्धी स्व सहायता समूह की महिलाओं ने चरणबद्ध तरीके से अब तक कुल 643.10 क्विंटल वर्मी खाद और 65.30 क्विंटल सुपर खाद का निर्माण किया है । इन महिलाओं द्वारा कुल 67 हजार 560 किलोग्राम खाद विक्रय से अब तक लगभग 2 लाख 50 हजार रूपये का आय अर्जित कर चुकी हैं।
साथ ही जनपद से मनरेगा कनवर्जेंस के तहत मुर्गी शेड निर्माण का विशेष योगदान प्राप्त कर पत्थर्रा मे सिद्धि स्व सहायता समूह की महिलाओ के द्वारा 500 मुर्गी पालन का कार्य कर अब तक 30 हज़ार रूपए तक का लाभ प्राप्त किया गया है, जिसका उपयोग महिलाएँ अपने खेती बाड़ी एवम् घरेलु कार्य में कर रही हैं, इससे आर्थिक रूप से सशक्त होने के साथ साथ आत्मनिर्भर भी हो रहे हैं।
इस महत्वकांक्षी योजना से सिद्धि स्व सहायता समूह के लिए मुर्गीपालन आजीविका का नया अवसर लेकर आया है। समूह की 10 महिलाएं अपने घरेलू कार्य करने के बाद मुर्गीपालन व्यवसाय को अपनाकर अपने व परिवार के लिए अतिरिक्त आय अर्जित कर रही है। मुर्गीपालन से हो रहे आय को देखते हुए स्थानीय महिलाएं भी प्रोत्साहित होकर मुर्गीपालन की ओर रूचि दिखाते हुए आजीविका के नये अवसर की ओर कदम बढ़ा रही है।
ये महिलाएं भविष्य में उन्नत नस्ल का मुर्गी पालन कर अधिक आय कमाना चाहती हैं, जिससे भविष्य में भी वे आत्मनिर्भर हो सके और आर्थिक रूप से सक्षम हो पाएंगे।
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